***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक:- 24/11/2022, गुरुवार
प्रतिपदा, शुक्ल पक्ष,
मार्गशीर्ष
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मेष
कारोबार लाभदायक रहेगा। नौकरी में चैन रहेगा। धन प्राप्ति सुगम होगी। घरेलू कार्य समय पर होंगे। सुख-शांति बनी रहेगी। थकान व कमजोरी रहेगी। प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी। अविवाहितों के लिए वैवाहिक प्रस्ताव आ सकता है। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी।
तिथि——– प्रतिपदा 25:37:08 तक
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र——— अनुराधा 19:36:13
योग———- अतिगंड 12:17:54
करण——- किन्स्तुघ्न 15:03:59
करण————– बव 25:37:08
वार————————गुरूवार
माह———————- मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि—————– वृश्चिक
सूर्य राशि——————–वृश्चिक
रितु————————- हेमंत
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर——————- शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)——————— नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2079
शक संवत—————— 1944
वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:48:05
सूर्यास्त————— 17:23:26
दिन काल————- 10:35:20
रात्री काल————- 13:25:25
चंद्रास्त—————- 17:41:40
चंद्रोदय—————- 31:07:17
लग्न—- वृश्चिक 7°33′ , 217°33′
सूर्य नक्षत्र—————– अनुराधा
चन्द्र नक्षत्र—————- अनुराधा
नक्षत्र पाया——————- रजत
🚩💮🚩 पद, चरण 💮🚩🚩
नी—- अनुराधा 08:38:50
नू—- अनुराधा 14:08:06
ने—-अनुराधा 19:36:13
नो—- ज्येष्ठा 25:03:20
या—- ज्येष्ठा 30:29:35
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=वृश्चिक 07 :29 अनुराधा , 2 नी
चन्द्र =तुला 08°23, अनुराधा , 2 नी
बुध =वृश्चिक 16 ° 34′ अनुराधा ‘4 ने
शुक्र=वृश्चिक 14°05, अनुराधा ‘ 4 ने
मंगल=वृषभ 27°30 ‘ मृगशिरा’ 2 वो
गुरु=मीन 04°30 ‘ उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 25°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 18°05 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 18°05 विशाखा , 4 ता
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
राहू काल 13:25 – 14:45 अशुभ
यम घंटा 06:48 – 08:08 अशुभ
गुली काल 09:27 – 10:46 अशुभ
अभिजित 11:45 – 12:27 शुभ
दूर मुहूर्त 10:20 – 11:02 अशुभ
दूर मुहूर्त 14:34 – 15:16 अशुभ
वर्ज्यम 24:42* – 26:09* अशुभ
🚩गंड मूल 19:36 – अहोरात्र अशुभ
💮चोघडिया, दिन
शुभ 06:48 – 08:08 शुभ
रोग 08:08 – 09:27 अशुभ
उद्वेग 09:27 – 10:46 अशुभ
चर 10:46 – 12:06 शुभ
लाभ 12:06 – 13:25 शुभ
अमृत 13:25 – 14:45 शुभ
काल 14:45 – 16:04 अशुभ
शुभ 16:04 – 17:23 शुभ
🚩चोघडिया, रात
अमृत 17:23 – 19:04 शुभ
चर 19:04 – 20:45 शुभ
रोग 20:45 – 22:25 अशुभ
काल 22:25 – 24:06* अशुभ
लाभ 24:06* – 25:47* शुभ
उद्वेग 25:47* – 27:28* अशुभ
शुभ 27:28* – 29:08* शुभ
अमृत 29:08* – 30:49* शुभ
💮होरा, दिन
बुध 06:47 – 07:40
चन्द्र 07:40 – 08:33
शनि 08:33 – 09:26
बृहस्पति 09:26 – 10:19
मंगल 10:19 – 11:12
सूर्य 11:12 – 12:05
शुक्र 12:05 – 12:58
बुध 12:58 – 13:52
चन्द्र 13:52 – 14:45
शनि 14:45 – 15:38
बृहस्पति 15:38 – 16:31
मंगल 16:31 – 17:24
🚩होरा, रात
सूर्य 17:24 – 18:31
शुक्र 18:31 – 19:38
बुध 19:38 – 20:45
चन्द्र 20:45 – 21:52
शनि 21:52 – 22:59
बृहस्पति 22:59 – 24:06
मंगल 24:06* – 25:13
सूर्य 25:13* – 26:20
शुक्र 26:20* – 27:27
बुध 27:27* – 28:34
चन्द्र 28:34* – 29:41
शनि 29:41* – 30:48
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
वृश्चिक > 05:16 से 07:38 तक
धनु > 07:36 से 10:08 तक
मकर > 10:08 से 11:46 तक
कुम्भ > 11:46 से 13:16 तक
मीन > 13: 16 से 13: 48 तक
मेष > 13: 48 से 15:22 तक
वृषभ > 15:22 से 18:08 तक
कर्क > 18:08 से 22:38 तक
सिंह > 22:38 से 00:50 तक
कन्या > 00:50 से 03:06 तक
तुला > 03:06 से 05:27 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
1 + 5 + 1 = 7 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
सूर्य ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
1 + 1 + 5 = 7 ÷ 7 = 0 शेष
शमशान वास = मृत्यु कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
*सर्वार्थ सिद्धि योग 19:36 तक
*शुक्रोदय पश्चिमे 25:25
* सेतुकाकार श्रीसुन्दर भट्टाचार्य पाटोत्सव
*गुरु तेगबहादुर पुण्य दिवस
* सर छोटूराम जयंती
💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
निर्गुणस्य हतं रूपं दुःशीलस्य हतं कुलम् ।
असिध्दस्य हता विद्या अभोगेन हतं धनम् ।।१६।।
निति भ्रष्ट होने से सुन्दरता का नाश होता है. हीन आचरण से अच्छे कुल का नाश होता है. पूर्णता न आने से विद्या का नाश होता है. उचित विनियोग के बिना धन का नाश होता है.
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11
दंष्ट्राकरालानि च ते मुखानिदृष्टैव कालानलसन्निभानि ।,
दिशो न जाने न लभे च शर्म प्रसीद देवेश जगन्निवास ॥,
दाढ़ों के कारण विकराल और प्रलयकाल की अग्नि के समान प्रज्वलित आपके मुखों को देखकर मैं दिशाओं को नहीं जानता हूँ और सुख भी नहीं पाता हूँ।, इसलिए हे देवेश! हे जगन्निवास! आप प्रसन्न हों॥,25॥,
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