***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
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दिनाँक :- 23/11/2022, बुधवार
चतुर्दशी, कृष्ण पक्ष,
मार्गशीर्ष
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
मेष
भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। साझेदारी में नवीन प्रस्ताव प्राप्त हो सकेंगे। शत्रु सक्रिय रहेंगे। गर्व-अहंकार को दूर करें। राजनीतिक व्यक्तियों से लाभकारी योग बनेंगे। मनोबल बढ़ने से तनाव कम होगा।
तिथि———- चतुर्दशी 06:53:03 तक
तिथि——– अमावस्या 28:26:20
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र——— विशाखा 21:36:17
योग———— शोभन 15:37:59
करण———-शकुनी 06:53:03
करण——— चतुष्पद 17:43:02
करण———— नाग 28:26:20
वार———————— बुधवार
माह——————— मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि——- तुला 16:02:43
चन्द्र राशि—————— वृश्चिक
सूर्य राशि—————– वृश्चिक
रितु————————- हेमंत
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर—————— शुभकृत
संवत्सर (उत्तर) ———————-नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————– 2079
शक संवत—————– 1944
वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:47:18
सूर्यास्त————— 17:23:37
दिन काल————- 10:36:19
रात्री काल————–13:24:27
चंद्रास्त————— 16:54:04
चंद्रोदय—————- 31:00:22
लग्न— वृश्चिक 6°32′ , 216°32′
सूर्य नक्षत्र—————– अनुराधा
चन्द्र नक्षत्र—————- विशाखा
नक्षत्र पाया——————- रजत
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
तू—- विशाखा 10:27:26
ते—- विशाखा 16:02:43
तो—- विशाखा 21:36:17
ना—- अनुराधा 27:08:16
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=वृश्चिक 06 :29 अनुराधा , 1 ना
चन्द्र =तुला 24°23, विशाखा, 2 तू
बुध =वृश्चिक 14 ° 34′ अनुराधा ‘4 ने
शुक्र=वृश्चिक 14°05, अनुराधा ‘ 4 ने
मंगल=वृषभ 27°30 ‘ मृगशिरा’ 1 दू
गुरु=मीन 04°30 ‘ उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 25°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 18°10 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 18°10 विशाखा , 4 ता
🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩
राहू काल 12:05 – 13:25 अशुभ
यम घंटा 08:07 – 09:26 अशुभ
गुली काल 10:46 – 12:05 अशुभ
अभिजित 11:44 – 12:27 अशुभ
दूर मुहूर्त 11:44 – 12:27 अशुभ
वर्ज्यम 25:18* – 26:46* अशुभ
💮चोघडिया, दिन
लाभ 06:47 – 08:07 शुभ
अमृत 08:07 – 09:26 शुभ
काल 09:26 – 10:46 अशुभ
शुभ 10:46 – 12:05 शुभ
रोग 12:05 – 13:25 अशुभ
उद्वेग 13:25 – 14:45 अशुभ
चर 14:45 – 16:04 शुभ
लाभ 16:04 – 17:24 शुभ
🚩चोघडिया, रात
उद्वेग 17:24 – 19:04 अशुभ
शुभ 19:04 – 20:45 शुभ
अमृत 20:45 – 22:25 शुभ
चर 22:25 – 24:06* शुभ
रोग 24:06* – 25:46* अशुभ
काल 25:46* – 27:27* अशुभ
लाभ 27:27* – 29:08* शुभ
उद्वेग 29:08* – 30:48* अशुभ
💮होरा, दिन
बुध 06:47 – 07:40
चन्द्र 07:40 – 08:33
शनि 08:33 – 09:26
बृहस्पति 09:26 – 10:19
मंगल 10:19 – 11:12
सूर्य 11:12 – 12:05
शुक्र 12:05 – 12:58
बुध 12:58 – 13:52
चन्द्र 13:52 – 14:45
शनि 14:45 – 15:38
बृहस्पति 15:38 – 16:31
मंगल 16:31 – 17:24
🚩होरा, रात
सूर्य 17:24 – 18:31
शुक्र 18:31 – 19:38
बुध 19:38 – 20:45
चन्द्र 20:45 – 21:52
शनि 21:52 – 22:59
बृहस्पति 22:59 – 24:06
मंगल 24:06* – 25:13
सूर्य 25:13* – 26:20
शुक्र 26:20* – 27:27
बुध 27:27* – 28:34
चन्द्र 28:34* – 29:41
शनि 29:41* – 30:48
🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩
वृश्चिक > 05:20 से 07:42 तक
धनु > 07:42 से 10:12 तक
मकर > 10:12 से 11:50 तक
कुम्भ > 11:50 से 13:20 तक
मीन > 13:20 से 13:52 तक
मेष > 13:52 से 15:26 तक
वृषभ > 15:26 से 18:12 तक
कर्क > 18:12 से 22:42 तक
सिंह > 22:42 से 01:00 तक
कन्या > 01:00 से 03:10 तक
तुला > 03:10 से 05:31 तक
🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।
15 + 14 + 4 + 1 = 34 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
केतु ग्रह मुखहुति
💮 शिव वास एवं फल -:
29 + 29 + 5 = 63 ÷ 7 = 0 शेष
शमशान वास = मृत्यु कारक
🚩भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
*देवपितृकार्य अमावस्या
*सर्वार्थ ,अमृत सिद्धि योग 26:36 से
* गौरीतपो व्रत
* महाव्रतारंभ
💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
गुणो भूषयते रूपं शीलं भूषयते कुलम् ।
सिध्दिर्भूषयते वद्यां भोगी भूषयते धनम् ।।
।। चा o नी o।।
नीति की उत्तमता ही व्यक्ति के सौंदर्य का गहना है. उत्तम आचरण से व्यक्ति उत्तरोत्तर ऊँचे लोक में जाता है. सफलता ही विद्या का आभूषण है. उचित विनियोग ही संपत्ति का गहना है.
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11
नभःस्पृशं दीप्तमनेकवर्णंव्यात्ताननं दीप्तविशालनेत्रम् ।,
दृष्टवा हि त्वां प्रव्यथितान्तरात्मा धृतिं न विन्दामि शमं च विष्णो ॥,
क्योंकि हे विष्णो! आकाश को स्पर्श करने वाले, दैदीप्यमान, अनेक वर्णों से युक्त तथा फैलाए हुए मुख और प्रकाशमान विशाल नेत्रों से युक्त आपको देखकर भयभीत अन्तःकरण वाला मैं धीरज और शान्ति नहीं पाता हूँ॥,24॥,
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