मेष राशिफल 2 जून 2022

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Aries horoscope

***|| जय श्री राधे ||***

***  महर्षि पाराशर पंचांग ***
*** अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
*** *** *** *** *** ***

दिनाँक:-02/06/2022, गुरुवार
तृतीया, शुक्ल पक्ष
ज्येष्ठ
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

*** दैनिक राशिफल *** 

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

मेष

आज का दिन आपके लिए उत्तम रूप से फलदायक रहेगा। यदि संतान के विवाह में कोई बाधा आ रही थी, तो वह समाप्त होगी। जीवनसाथी का सहयोग व सानिध्य पाकर आप परिवार में चल रही कलह को भी आसानी से समाप्त कर पाएंगे। अविवाहित जातकों के जीवन में किसी नए मेहमान की दस्तक हो सकती है। यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। डूबी हुई रकम प्राप्त होगी। आय में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें। आकस्मिक लाभ व निकटजनों की प्रगति से मन में प्रसन्नाता रहेगी। परिश्रम से स्वयं के कार्यों में भी शुभ परिणाम आएँगे। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें। आपको अपने जीवन में कड़वाहट को मिठास में बदलने की कला को सीखना होगा, तभी आप अपना काम उनसे निकलवाने में कामयाब रहेंगे। रात्रि का समय आप अपने मित्रों के साथ मौज मस्ती में व्यतीत करेंगे।

तिथि————तृतीया 24:16:30 तक
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र———– आर्द्रा 16:02:57
योग————– गण्ड 26:34:17
करण———– तैतुल 11:01:37
करण————– गर 24:16:30
वार———————– गुरूवार
माह————————– ज्येष्ठ
चन्द्र राशि—————— मिथुन
सूर्य राशि—————— वृषभ
रितु————————- ग्रीष्म
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर———————– नल
संवत्सर (उत्तर) ——————-राक्षस
विक्रम संवत—————- 2079
विक्रम संवत (कर्तक)——— 2078
शाका संवत—————–1944

*** वृन्दावन ***
सूर्योदय————— 05:25:12
सूर्यास्त—————- 19:09:23
दिन काल————- 13:44:11
रात्री काल————- 10:15:39
चंद्रोदय—————- 07:19:47
चंद्रास्त—————- 21:51:37

लग्न—- वृषभ 17°18′ , 47°18′

सूर्य नक्षत्र—————– रोहिणी
चन्द्र नक्षत्र——————- आर्द्रा
नक्षत्र पाया——————- रजत

*** पद, चरण ***

ङ—- आर्द्रा 09:17:01

छ—- आर्द्रा 16:02:57

के—- पुनर्वसु 22:48:44

*** ग्रह गोचर ***

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=वृषभ 17:12 रोहिणी , 3 वी
चन्द्र = मिथुन 14°23 , आर्द्रा , 3 ङ
बुध =वृषभ 01 ° 07′ कृतिका ‘ 2 ई
शुक्र=मेष 10°05, अश्विनी ‘ 4 ला
मंगल=मीन 11°30 ‘ उoभाo’ 3 झ
गुरु=मीन 09°30 ‘ उ o भा o, 2 थ
शनि=कुम्भ 01°33 ‘ उ o भा o ‘ 3 गु
राहू=(व) मेष 27°20’ कृतिका , 1 अ
केतु=(व) तुला 27°20 विशाखा , 3 ते

*** मुहूर्त प्रकरण ***

राहू काल 14:00 – 15:43 अशुभ
यम घंटा 05:25 – 07:08 अशुभ
गुली काल 08:51 – 10:34 अशुभ
अभिजित 11:50 -12:45 शुभ
दूर मुहूर्त 09:59 – 10:55 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:30 – 16:25 अशुभ

*चोघडिया, दिन
शुभ 05:25 – 07:08 शुभ
रोग 07:08 – 08:51 अशुभ
उद्वेग 08:51 – 10:34 अशुभ
चर 10:34 – 12:17 शुभ
लाभ 12:17 – 14:00 शुभ
अमृत 14:00 – 15:43 शुभ
काल 15:43 – 17:26 अशुभ
शुभ 17:26 – 19:09 शुभ

*चोघडिया, रात
अमृत 19:09 – 20:26 शुभ
चर 20:26 – 21:43 शुभ
रोग 21:43 – 23:00 अशुभ
काल 23:00 – 24:17* अशुभ
लाभ 24:17* – 25:34* शुभ
उद्वेग 25:34* – 26:51* अशुभ
शुभ 26:51* – 28:08* शुभ
अमृत 28:08* – 29:25* शुभ

*होरा, दिन
बृहस्पति 05:25 – 06:34
मंगल 06:34 – 07:43
सूर्य 07:43 – 08:51
शुक्र 08:51 – 09:59
बुध 09:59 – 11:09
चन्द्र 11:09 – 12:17
शनि 12:17 – 13:26
बृहस्पति 13:26 – 14:35
मंगल 14:35 – 15:43
सूर्य 15:43 – 16:52
शुक्र 16:52 – 18:01
बुध 18:01 – 19:09

*होरा, रात
चन्द्र 19:09 – 20:01
शनि 20:01 – 20:52
बृहस्पति 20:52 – 21:43
मंगल 21:43 – 22:35
सूर्य 22:35 – 23:26
शुक्र 23:26 – 24:17
बुध 24:17* – 25:09
चन्द्र 25:09* – 25:59
शनि 25:59* – 26:51
बृहस्पति 26:51* – 27:42
मंगल 27:42* – 28:34
सूर्य 28:34* – 29:25

** उदयलग्न प्रवेशकाल **

वृषभ > 03:38 से 05:38 तक
मिथुन > 05:36 से 07:49 तक
कर्क > 07:49 से 10:06 तक
सिंह > 10:06 से 12:14 तक
कन्या > 12:14 से 14:30 तक
तुला > 14:30 से 16:45 तक
वृश्चिक > 16:45 से 19:06 तक
धनु > 19:06 से 21:06 तक
मकर > 21:06 से 22:52 तक
कुम्भ > 22:52 से 00:25 तक
मीन > 00:25 से 01:52 तक
मेष > 01:52 से 03:38 तक

*विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

*दिशा शूल ज्ञान————-दक्षिण
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा केशर खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

* अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

3 + 5 + 1 = 9 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

** ग्रह मुख आहुति ज्ञान **

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

सूर्य ग्रह मुखहुति

* शिव वास एवं फल -:

3 + 3 + 5 = 11 ÷ 7 = 4 शेष

सभायां = संताप कारक

* भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

** विशेष जानकारी **

*रम्भा तीज

*सर्वार्थ सिद्धि योग 16:03 से

*जगद्गुरु निंबार्काचार्य श्री श्रीजी महाराज का 79 वा पाटोत्साव

* महाराणा प्रताप जयंती (तिथि से)

* हल्दीघाटी मेला (राज०)

*** शुभ विचार ***

गुणो भूषयते रूपं शीलं भूषयते कुलम् ।
सिध्दिर्भूषयते वद्यां भोगी भूषयते धनम् ।।
।। चा o नी o।।

नीति की उत्तमता ही व्यक्ति के सौंदर्य का गहना है. उत्तम आचरण से व्यक्ति उत्तरोत्तर ऊँचे लोक में जाता है. सफलता ही विद्या का आभूषण है. उचित विनियोग ही संपत्ति का गहना है.