आढ़तिया सेल ने पंजाब में पहुंचे केंद्रीय मंत्री के समक्ष उठाई 10 मांगें

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Arhtiya Cell placed 10 Demands Before The Union Minister
Arhtiya Cell placed 10 Demands Before The Union Minister

अखिलेश बंसल, Barnala News : आढ़तिया सेल पंजाब का कहना है कि उनकी संस्था सरकार के हर किसान पक्षीय फैसले से सहमत है, लेकिन खेतों से मंडियों पर फसलों के पहुंचने के बाद फसलों की साफ सफाई से लेकर तौलाई, बोरियों में भरवायी, लोडिंग-अनलोडिंग, बरसाती मौसम में फसलों को बचाने सहित बहुत से व्यापक प्रबंध करने होते हैं।

आढ़तियों को परिवार पालना हो रहा मुश्किल

आढ़तियों को मात्र अढ़ाई प्रतिशत सर्विस चार्जेस मिलते हैं। ऐसे में दिन प्रतिदिन आढ़तियों को अपने परिवारों का निर्वाह करना मुश्किल होता जा रहा है। इस समस्या के लिए आढ़तिया सेल पंजाब के शिष्टमंडल का नेतृत्व करते स्टेट कन्वीनर धीरज ददाहूर ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग मंत्रालय तथा कॉमर्स व उद्योग मंत्री पीयूश गोयल के नाम लिखित ज्ञापन भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री भारत सरकार सोम प्रकाश को दिया है, जो कि संगरूर में होने वाले संसदीय उप चुनाव में भाग लेने जा रहे भाजपा उम्मीदवार केवल सिंह ढिल्लों के नामांकन पत्र दाखिल करवाने पहुंचे थे। उन्होंने कहा आढ़ती वर्ग की मांगें काबिले गौर हैं, जिन्हें केंद्र से निराशा नहीं मिलेगी।

ज्ञापन में शामिल की ये टॉप-10 मांगें

-पंजाब में सरकार व उच्च न्यायालय के आदेशानुसार फसलों की अदायगी किसानों को सीधे करने का है, जिसके लिए आढ़तिया वर्ग अदालत के फैसले के अनुसार काम करना चाहता है।

-ठेके पर खेत लेकर फसलें उगाने का प्रचलन काफी देर से है। ऐसे किसानों को उधारी में एडवांस तौर पर दिया जाता पैसा सरकार के पोर्टल पर चढ़ाया जाए, और किसानों को फसलों की होती सीधी अदायगी में से आढ़तियों का पैसा काट आढ़तियों के खाते में डाला जाए।

-कॉटन कारपोरेशन आॅफ इंडिया की ओर से मंडियों से की जाती कॉटन की खरीद की आढ़त का अढ़ाई प्रतिशत आढ़तियों को तुरंत अदा करवाया जाए।

-आढ़तियों का भारतीय खाद्य निगम की ओर 2020-21 का गेहूं के सीजन की 30 प्रतिशत आढ़त पेंडिंग पड़ी है उसका भुगतान कराया जाए।

-आढ़तियों को गेहूं पर 46 रुपए प्रति क्विंटल और धान पर दी गई 45.88 पैसे कम आढ़त को अढ़ाई प्रतिशत पूरा किया जाए।

-एपीएमसी कानून के मुताबिक जो मजदूरी किसान की ओर से दी जाती है उसे एमएसपी से काटकर पीएमएस पोर्टल पर चढ़ाया जाए।

-सीजन के दौरान आढ़तियों तथा उनके साथ काम करते मुनीम व मजदूरों का भी एश्योरेंस सरकार द्वारा किया जाए।

-बरनाला जिला अलग बनने के बावजूद एफसीआई का जिला कार्यालय संगरूर ही चला आ रहा है, बरनाला में अलग से एफसीआई कार्यालय बने।

-नयी फसल पर सरकार द्वारा दी जाती एमएसपी पर आढ़तियों को भी अढ़ाई प्रतिशत आढ़त दी जाए।

-आढ़तियों की ओर से बनाए जाते बिलों की अदायगी एमएसपी के साथ और आढ़त का भुगतान बिल-टू-बिल एक साथ होना चाहिए।

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