कुंभ राशिफल 15 नवंबर 2022

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Aquarius Horoscope

***|| जय श्री राधे ||***
🌺🙏 महर्षि पाराशर पंचांग 🙏🌺
🙏🌺🙏 अथ पंचांगम् 🙏🌺🙏
****ll जय श्री राधे ll****
🌺🌺🙏🙏🌺🌺🙏🙏🌺🌺

दिनाँक:-15/11/2022, मंगलवार
सप्तमी, कृष्ण पक्ष,
मार्गशीर्ष
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)

💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

कुंभ

मकान व जमीन संबंधी कार्य बनेंगे। संतान पर अनावश्यक रोक न लगाएँ। धन लाभ होने की भी संभावना है। बुरी खबर मिल सकती है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। दौड़धूप अधिक होगी। दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं। सामाजिक कार्यों में सीमित रहें।

तिथि———- सप्तमी 29:49:22 तक
पक्ष————————- कृष्ण
नक्षत्र———— पुष्य 16:11:40
योग———— शुक्ल 24:29:50
करण——- विष्टि भद्र 16:37:49
करण————– बव 29:49:22
वार———————- मंगलवार
माह———————- मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि——————– कर्क
सूर्य राशि——————– तुला
रितु————————- हेमंत
आयन—————– दक्षिणायण
संवत्सर—————— शुभकृत
संवत्सर (उत्तर)———————नल
विक्रम संवत—————- 2079
गुजराती संवत————- 2079
शक संवत—————– 1944

वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:41:04
सूर्यास्त—————- 17:26:09
दिन काल————- 10:45:04
रात्री काल————- 13:15:41
चंद्रास्त—————- 12:24:51
चंद्रोदय—————- 23:05:48

लग्न— तुला 28°28′ , 208°28′

सूर्य नक्षत्र—————– विशाखा
चन्द्र नक्षत्र——————- पुष्य
नक्षत्र——————- पाया रजत

🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩

हो—- पुष्य 09:27:49

ड—- पुष्य 16:11:40

डी—- आश्लेषा 22:54:47

डू—- आश्लेषा 29:36:57

💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य=तुला 28 :29 विशाखा , 3 ते
चन्द्र =कर्क 11°23, पुष्य , 3 हो
बुध =वृश्चिक 02 ° 34′ विशाखा ‘4 तो
शुक्र=वृश्चिक 04°05, विशाखा ‘ 1 ना
मंगल=वृषभ 29°30 ‘ मृगशिरा’ 2 वो
गुरु=मीन 04°30 ‘ उ o भा o, 1 दू
शनि=मकर 24°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा
राहू=(व) मेष 18°30 भरणी , 2 लू
केतु=(व) तुला 18°30 विशाखा , 4 ता

🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩

राहू काल 14:45 – 16:06 अशुभ
यम घंटा 09:22 – 10:43 अशुभ
गुली काल 12:04 – 13:24 अशुभ
अभिजित 11:42 – 12:25 शुभ
दूर मुहूर्त 08:50 – 09:33 अशुभ
दूर मुहूर्त 22:44 – 23:27 अशुभ
वर्ज्यम 30:31* – 32:18* अशुभ

🚩गंड मूल 16:12 – अहोरात्र अशुभ

💮चोघडिया, दिन
रोग 06:41 – 08:02 अशुभ
उद्वेग 08:02 – 09:22 अशुभ
चर 09:22 – 10:43 शुभ
लाभ 10:43 – 12:04 शुभ
अमृत 12:04 – 13:24 शुभ
काल 13:24 – 14:45 अशुभ
शुभ 14:45 – 16:06 शुभ
रोग 16:06 – 17:26 अशुभ

🚩चोघडिया, रात
काल 17:26 – 19:06 अशुभ
लाभ 19:06 – 20:45 शुभ
उद्वेग 20:45 – 22:25 अशुभ
शुभ 22:25 – 24:04* शुभ
अमृत 24:04* – 25:43* शुभ
चर 25:43* – 27:23* शुभ
रोग 27:23* – 29:02* अशुभ
काल 29:02* – 30:42* अशुभ

💮होरा, दिन
मंगल 06:41 – 07:35
सूर्य 07:35 – 08:29
शुक्र 08:29 – 09:22
बुध 09:22 – 10:16
चन्द्र 10:16 – 11:10
शनि 11:10 – 12:04
बृहस्पति 12:04 – 12:57
मंगल 12:57 – 13:51
सूर्य 13:51 – 14:45
शुक्र 14:45 – 15:39
बुध 15:39 – 16:32
चन्द्र 16:32 – 17:26

🚩होरा, रात
शनि 17:26 – 18:32
बृहस्पति 18:32 – 19:39
मंगल 19:39 – 20:45
सूर्य 20:45 – 21:51
शुक्र 21:51 – 22:58
बुध 22:58 – 24:04
चन्द्र 24:04* – 25:10
शनि 25:10* – 26:17
बृहस्पति 26:17* – 27:23
मंगल 27:23* – 28:29
सूर्य 28:29* – 29:36
शुक्र 29:36* – 30:42

🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩

तुला > 03:34 से 05:45 तक
वृश्चिक > 05:45 से 08:06 तक
धनु > 08:06 से 10:36 तक
मकर > 10:36 से 12:14 तक
कुम्भ > 12:14 से 13:44 तक
मीन > 13:44 से 14:16 तक
मेष > 14:16 से 15:50 तक
वृषभ > 15:50 से 18:36 तक
कर्क > 18:36 से 11:06 तक
सिंह > 11:06 से 01:24 तक
कन्या > 01:24 से 03:26 तक

🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

💮दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा गुड़ खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

🚩 अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 7 + 3 + 1 = 26 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

गुरु ग्रह मुखहुति

💮 शिव वास एवं फल -:

22 + 22 + 5 = 49 ÷ 7 = 0 शेष

शमशान वास = मृत्यु कारक

🚩भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

सांय 16:37 तक समाप्त

मृत्यु लोक = सर्वकार्य विनाशिनी

💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮

* सर्वार्थ सिद्धि योग16:12 से

*अपराजिता सप्तमी

* बिरसा मुंडा जयंती

💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮

तैलाभ्यड्गे चिताधूमे मैथुने क्षौरकर्मणि ।
तावद् भवति चाण्डालो यावत्स्नानं न चाचरेत् ।।
।। चा o नी o।।

शरीर पर मालिश करने के बाद, स्मशान में चिता का धुआ शरीर पर आने के बाद, सम्भोग करने के बाद, दाढ़ी बनाने के बाद जब तक आदमी नहा ना ले वह चांडाल रहता है.

🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩

गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11

किरीटिनं गदिनं चक्रिणं च तेजोराशिं सर्वतो दीप्तिमन्तम्‌ ।,
पश्यामि त्वां दुर्निरीक्ष्यं समन्ताद्दीप्तानलार्कद्युतिमप्रमेयम्‌ ॥,

आपको मैं मुकुटयुक्त, गदायुक्त और चक्रयुक्त तथा सब ओर से प्रकाशमान तेज के पुंज, प्रज्वलित अग्नि और सूर्य के सदृश ज्योतियुक्त, कठिनता से देखे जाने योग्य और सब ओर से अप्रमेयस्वरूप देखता हूँ॥,17॥,

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