Aquarius Horoscope 01 April 2022 कुम्भ राशिफल 01 अप्रैल 2022

0
438
Aquarius Horoscope 03 April 2022
Aquarius Horoscope 03 April 2022

***|| जय श्री राधे ||***

*** महर्षि पाराशर पंचांग ***
*** अथ पंचांगम् ***
****ll जय श्री राधे ll****
*** *** *** *** *** *** 

दिनाँक-: 01/04/2022, शुक्रवार
अमावस्या, कृष्ण पक्ष
चैत्र
*** *** *** *** *** *** *** *** (समाप्ति काल)

*** दैनिक राशिफल ***

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

कुंभ

Aquarius Horoscope 01 April 2022: आज का दिन आपके लिए मिलाजुला रहेगा। सरकारी नौकरी से जुड़े जातको को आज ट्रांसफर की सूचना मिल सकती है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। शारीरिक कष्ट संभव है। व्यवसाय धीमा चलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी की नाराजी झेलनी पड़ सकती है। परिवार में मनमुटाव हो सकता है। सुख के साधनों पर व्यय सोच-समझकर करें। निवेश करने से बचें। व्यापार ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी। मित्रों का सहयोग मिलेगा। प्रेम जीवन में मधुरता बनी रहेगी और आप अपने जीवन साथी को कहीं घुमाने फिराने भी ले जा सकते हैं। विद्यार्थियों को आज कुछ नया सीखने का अवसर मिलेगा। यदि कहीं पार्ट टाइम कार्य करने की सोच रहे हैं, तो उसमें सफलता मिलेगी। आज आप घर गृहस्थी के लिए कुछ जरूरी वस्तुओं की खरीदारी कर सकते हैं।

तिथि ———–अमावस्या 11:53:16 तक
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र— उत्तराभाद्रपदा 10:38:42
योग————– ब्रह्म 09:34:38
करण———— नाग 11:53:16
करण——- किन्स्तुघ्न 23:51:02
वार———————– शुक्रवार
माह—————————चैत्र
चन्द्र राशि—————— मीन
सूर्य राशि——————— मीन
रितु————————- वसंत
आयन—————— उत्तरायण
संवत्सर———————- प्लव
संवत्सर (उत्तर)——————-आनंद
विक्रम संवत—————–2078
विक्रम संवत (कर्तक)———- 2078
शाका संवत—————- 1943

वृन्दावन
सूर्योदय————— 06:11:12
सूर्यास्त—————- 18:35:17
दिन काल————- 12:24:05
रात्री काल————- 11:34:48
चंद्रोदय————— 06:30:24
चंद्रास्त—————–18:47:14

लग्न—- मीन 17°7′ , 347°7′

सूर्य नक्षत्र—————— रेवती
चन्द्र नक्षत्र———– उत्तराभाद्रपदा
नक्षत्र पाया——————–ताम्र

*** पद, चरण ***

ञ—- वो 10:38:42

दे—-रेवती 16:45:50

दो—- रेवती 22:55:02

च—- रेवती 29:06:21

*** ग्रह गोचर ***

ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
*** *** *** *** *** *** *** ***
सूर्य=मीन 17:12 ‘उ o भा o , 1 दे
चन्द्र =मीन 14°23,। उoभाo , 4 ञ
बुध = मीन 13 ° 07’ उo भा o ‘ 4 ञ
शुक्र=मकर 29°05, धनिष्ठा ‘ 3 गु
मंगल=मकर 25°30 ‘ धनिष्ठा’ 1 गा
गुरु=कुम्भ 27°30 ‘ पू o भा o, 3 दा
शनि=मकर 27°33 ‘ धनिष्ठा ‘ 2 गी
राहू=(व)वृषभ 00°40’ कृतिका , 2 ई
केतु=(व)वृश्चिक 00°40 विशाखा , 4 तो

*** मुहूर्त प्रकरण ***

राहू काल 10:50 – 12:23 अशुभ
यम घंटा 15:29 – 17:02 अशुभ
गुली काल 07:44 – 09: 17अशुभ
अभिजित 11:58 -12:48 शुभ
दूर मुहूर्त 08:40 – 09:30 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:48 – 13:38 अशुभ

गंड मूल 10:39 – अहोरात्र अशुभ

पंचक अहोरात्र अशुभ

चोघडिया, दिन
चर 06:11 – 07:44 शुभ
लाभ 07:44 – 09:17 शुभ
अमृत 09:17 – 10:50 शुभ
काल 10:50 – 12:23 अशुभ
शुभ 12:23 – 13:56 शुभ
रोग 13:56 – 15:29 अशुभ
उद्वेग 15:29 – 17:02 अशुभ
चर 17:02 – 18:35 शुभ

Read Also: मां के दर्शन से पहले भक्त भूरादेव के दर्शन का विधान Devotee Bhuradev Before Mother’s Darshan

चोघडिया, रात
रोग 18:35 – 20:02 अशुभ
काल 20:02 – 21:29 अशुभ
लाभ 21:29 – 22:56 शुभ
उद्वेग 22:56 – 24:23* अशुभ
शुभ 24:23* – 25:50* शुभ
अमृत 25:50* – 27:16* शुभ
चर 27:16* – 28:43* शुभ
रोग 28:43* – 30:10* अशुभ

होरा, दिन
शुक्र 06:11 – 07:13
बुध 07:13 – 08:15
चन्द्र 08:15 – 09:17
शनि 09:17 – 10:19
बृहस्पति 10:19 – 11:21
मंगल 11:21 – 12:23
सूर्य 12:23 – 13:25
शुक्र 13:25 – 14:27
बुध 14:27 – 15:29
चन्द्र 15:29 – 16:31
शनि 16:31 – 17:33
बृहस्पति 17:33 – 18:35

होरा, रात
मंगल 18:35 – 19:33
सूर्य 19:33 – 20:31
शुक्र 20:31 – 21:29
बुध 21:29 – 22:27
चन्द्र 22:27 – 23:25
शनि 23:25 – 24:23
बृहस्पति 24:23* – 25:21
मंगल 25:21* – 26:19
सूर्य 26:19* – 27:16
शुक्र 27:16* – 28:14
बुध 28:14* – 29:12
चन्द्र 29:12* – 30:10

Read Also : घर में होगा सुख-समृद्धि का वास Happiness And Prosperity In House

*** उदयलग्न प्रवेशकाल ***

मीन > 05:26 से 06:56 तक
मेष > 06:56 से 09:40 तक
वृषभ > 09:40 से 11:20 तक
मिथुन > 11:20 से 12:40 तक
कर्क > 12:40 से 15:00 तक
सिंह > 15:00 से 16:05 तक
कन्या > 16:05 से 07:17 तक
तुला > 07:17 से 09:48 तक
वृश्चिक > 09:48 से 01:00 तक
धनु > 01:00 से 02:04 तक
मकर > 02:04 से 03:54 तक
कुम्भ > 03:54 से 05:26 तक

विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार

(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll

Read Also : भगवान शंकर की अश्रु धारा से बना सरोवर Jalandhar Shri Devi Talab Mandir

अग्नि वास ज्ञान -:
यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,
चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,
नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।। महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।

15 + 15 + 6 + 1 = 37 ÷ 4 = 1 शेष
पाताल लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक है l

*** ग्रह मुख आहुति ज्ञान ***

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

केतु ग्रह मुखहुति

शिव वास एवं फल -:

30 + 30 + 5 = 65 ÷ 7 = 2 शेष

गौरि सन्निधौ = शुभ कारक

भद्रा वास एवं फल -:

स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।

*** विशेष जानकारी ***

*देवकार्य अमावस्या

* सर्वार्थ सिद्धि एवं अमृत सिद्धि योग

*** शुभ विचार ***

तावद्भयेन भेतव्यं यावद् भयमनागतम् ।
आगतं तु भयं वीक्ष्यं प्रहर्तव्यमशंकया ।।
।। चा o नी o।।

यदि आप पर मुसीबत आती नहीं है तो उससे सावधान रहे. लेकिन यदि मुसीबत आ जाती है तो किसी भी तरह उससे छुटकारा पाए।

*** सुभाषितानि ***

गीता -: गुणत्रयविभागयोग अo-14

तमस्त्वज्ञानजं विद्धि मोहनं सर्वदेहिनाम्‌ ।,
प्रमादालस्यनिद्राभिस्तन्निबध्नाति भारत ॥,

हे अर्जुन! सब देहाभिमानियों को मोहित करने वाले तमोगुण को तो अज्ञान से उत्पन्न जान।, वह इस जीवात्मा को प्रमाद (इंद्रियों और अंतःकरण की व्यर्थ चेष्टाओं का नाम ‘प्रमाद’ है), आलस्य (कर्तव्य कर्म में अप्रवृत्तिरूप निरुद्यमता का नाम ‘आलस्य’ है) और निद्रा द्वारा बाँधता है॥,8॥,

*** आपका दिन मंगलमय हो ***
*** *** *** *** *** *** 
आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)
(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

Read Also : पूर्वजो की आत्मा की शांति के लिए फल्गू तीर्थ Falgu Tirtha For Peace Of Souls Of Ancestors

Read Also : हरिद्वार पर माता मनसा देवी के दर्शन न किए तो यात्रा अधूरी If You Dont see Mata Mansa Devi at Haridwar 

Connect With Us : Twitter Facebook