इशिका ठाकुर,करनाल:
डीएवी पीजी कॉलेज करनाल की हिंदी साहित्य परिषद द्वारा हिंदी भाषा में रोजगार की व्यापक संभावनाएं विषय पर आयोजित व्याख्यान में मुख्य वक्ता के रूप में पधारे दयाल सिंह कॉलेज करनाल के हिंदी विभाग के प्रवक्ता डॉ सुभाष सैनी, साहित्यकार डॉ राधेश्याम भारती का स्वागत प्राचार्य डॉ रामपाल सैनी, हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ संजय जैन व डॉ ऋतु कालिया द्वारा पुष्प गुच्छ भेंट कर किया।
हिंदी भाषा के प्रति लगाव
प्राचार्य डॉ रामपाल सैनी ने कहा कि जब तक हम हिंदी भाषा को अपने व्यवहार में लागू नहीं करेंगे, तब तक हिंदी की स्थिति में सुधार नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा को अपने ही देश में वो सम्मान अभी तक नहीं मिल पाया है,जो मिलना चाहिए था। उन्होंने विद्यार्थियों के हिंदी के प्रति अलगाव और विषय के तौर पर अरुचि के प्रति गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के लिए रोजगार दिलाने में हिंदी भाषा का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि देश में बहुत से ऐसे पद है, जहां केवल हिन्दी भाषा में उच्च योग्यता रखने वाले लोगों को ही नियुक्ति मिलती है। इसलिए हिंदी के प्रति विद्यार्थियों को लगाव रखना चाहिए।
मुख्य वक्ता डॉ सुभाष सैनी ने हिंदी में रोजगार की व्यापक संभावनाओं के विषय में लेखन, पत्रकारिता, दूरदर्शन,संवाद,गीत लेखन, संपादकीय, नुक्कड़ नाटक, ज्योतिष ज्ञान क्षेत्र में व्यापक रोजगार प्राप्त कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विदेशों में भी हिंदी की उपयोगिता और रोजगार के अवसरों पर जानकारी दी।
साहित्यकार डॉ राधेश्याम भारती ने हिंदी की वैज्ञानिक लिपि के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए हिंदी भाषा में रोजगार की अपार संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने विद्यार्थियों को रोजगार प्राप्त करने के लिए हिंदी टाइपिंग, पत्रकारिता, अनुवादक के तौर पर काम करने के लिए प्रेरित किया।
हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ संजय जैन ने कहा कि हिंदी हमारे संस्कारों की भाषा है। हिंदी बेचारी अपनों की ही मारी है। हिंदी प्रदेशों ने ही हिंदी की अपेक्षा कर इसके महत्व को कम करने का काम किया है।
हिंदी विभाग की प्रवक्ता डॉ ऋतु कालिया ने भी विद्यार्थियों को हिंदी भाषा के प्रति मातृभाषा का भाव रखते हुए, उसे राष्ट्रीय भाषा के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया।
इस मौके पर प्रो अंजु कंबोज सहित स्टाफ सदस्य मौजूद
कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य डॉ रामपाल सैनी, डॉ संजय जैन ने मुख्य वक्ताओं को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ मुकेश कुमार ने किया। इस मौके पर प्रो अंजु कंबोज सहित स्टाफ सदस्य मौजूद थे।
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