Himachal News Update (आज समाज) शिमला। हिमाचल प्रदेश की छह हजार करोड़ रुपये की सेब आर्थिकी पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। सेब के बागीचे अल्टरनेरिया नामक बीमारी की चपेट में आ गए हैं। इसका सीधा असर सेब के आकार और रंग पर हो रहा है। सेब के पत्ते समय से पहले ही झड़ रहे हैं, जिस वजह से प्रदेश के बागवान खासे चिंतित हैं।
अल्टरनेरिया बीमारी प्रदेश के कई इलाकों में महामारी का रूप धारण कर चुकी है। कुछ इलाकों में सेब के 95 फ़ीसदी बागीचे बीमारी की चपेट में आ गए हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार केंद्र सरकार से बातचीत कर इसकी रोकथाम के लिए कदम उठाए।
कुलदीप राठौर ने कहा कि 1982- 83 में भी सेब पर स्कैब बीमारी लग गई थी, जिस पर समय रहते कदम उठाए गए और केन्द्र ने मदद ली गई। उन्होंने कहा कि सरकार मौजूदा स्थिति की गम्भीरता को समझते हुए अल्टरनेरिया बीमारी की रोकथाम के लिए तत्काल कदम उठाए और केंद्र से भी मुद्दे को उठाए। उन्होंने कहा कि हालांकि बागवानी विभाग ने प्रभावित इलाकों में टीमें भेजी हैं, लेकिन इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए अनुसंधान की भी जरूरत है।