डिजिटल असिस्टेंट, सीरी के जरिए यूजर्स की प्राइवेट बातचीत सुनने का आरोप
Apple (आज समाज) नई दिल्ली: अमेरिकी कंपनी एपल पर 9.5 करोड डॉलर का जुर्माना लगाया गया है। भारतीय रुपए के हिसाब से यह रकम करीब 790 करोड़ रुपये के आस-पास बैठती है। एपल पर यह कार्रवाई डिजिटल असिस्टेंट, सीरी के जरिए यूजर्स की प्राइवेट बातचीत सुनने के चलते की गई। आरोप है कि एपल सिरी के जरिए यूजर्स की जासूसी कर रहा था। कैलिफोर्निया के आॅकलैंड के फेडरल कोर्ट 5 साल पुराने इस मामले के मुकदमे का समाधान करेगा। बता दें, सितंबर 2021 में, एपल के खिलाफ एक क्लास एक्शन मुकदमा दायर किया गया था।

तीसरे व्यक्ति के साथ शेयर की गई जानकारी

एक रिपोर्ट के अनुसार, पांच साल पहले एक मुकदमा दायर किया गया था, जिसमें कहा गया था कि एपल के डिवाइस जैसे iPhone, iPad, और HomePod में मौजूद सीरी बिना इजाजत के यूजर्स की निजी बातें सुन रही थी। इन बातों को रिकॉर्ड करके न सिर्फ एपल ने स्टोर किया, बल्कि बताया गया कि ये जानकारी तीसरे लोगों के साथ भी शेयर की गई थी। आरोप यह भी था कि सिरी के माध्यम से बातचीत तब भी रिकॉर्ड की गई, जब यूजर्स ने सिरी को अपने डिवाइस में एक्टिवेट नहीं किया था।

अब देना होगा 790 करोड़ का जुर्माना

समझौते में एपल ने यह स्पष्ट किया है कि उसने कभी कोई गलत काम नहीं किया। कंपनी ने कहा कि एप्पल ने हमेशा आरोपों को खारिज किया है और किसी भी तरह की जिम्मेदारी लेने से इनकार किया है। एपल ने 9.5 करोड डॉलर (करीब 790 करोड़ रुपये) का फंड बनाया है, ताकि जिन लोगों की जानकारी बिना अनुमति के सुनी गई, उन्हें पैसे दिए जा सकें। इस समझौते पर अभी अदालत की मुहर लगना बाकी है। हालांकि, एपल ने आधिकारिक तौर पर इस पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

यूजर्स को मिलेगा मुआवजा

हर डिवाइस के लिए इन लोगों को अधिकतम 20 डॉलर (करीब 1,660 रुपये) मिलेंगे। एपल को ये सुनिश्चित करना होगा कि उसने जो बातें बिना इजाजत सुनी थीं, उन्हें हटा दिया है। इसके अलावा, एपल को यह साफ करना होगा कि सीरी (डिजिटल असिस्टेंट) द्वारा सुनी गई आवाज का क्या किया जाएगा, और यूजर्स को इस पर पूरा अधिकार देना होगा।

ये भी पढ़ें :  UPI : यूपीआई से कलेक्ट पेमेंट फीचर को पर्सन-टू-पर्सन ट्रांजेक्शन से हटा सकता है एनपीसीआई