थर्ड पार्टी एप डेवलपर्स के खिलाफ पक्षपात करने का आरोप
Apple (आज समाज) नई दिल्ली: फ्रांस में एपल पर 150 मिलियन यूरो (162 मिलियन डॉलर) का जुर्माना लगाया गया है। फ्रांस ने थर्ड पार्टी एप डेवलपर्स के खिलाफ पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए एपल पर यह कार्रवाई की है। यह जुर्माना फ्रांस की प्रतिस्पर्धा प्राधिकरण ने लगाया है। आरोप है कि एपल ने अप्रैल 2021 से जुलाई 2023 के बीच अपने iOS और iPadOS एप्लिकेशन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम का दुरुपयोग किया। FCA ने अपनी जांच में पाया कि एपल का एप ट्रैकिंग ट्रांसपिरेंसी फ्रेमवर्क अपने उद्देश्य में गलत नहीं था, लेकिन इसे जिस तरीके से लागू किया गया, वह जरूरत से ज्यादा सख्त और असंगत था।
यह फ्रेमवर्क आईफोन और आईपैड उपयोगकर्ताओं को ट्रैकिंग के लिए सहमति देने का विकल्प देता है, जिससे उनकी प्राइवेसी सुरक्षित रहे। लेकिन फ्रांस के रेगुलेटर का मानना है कि यह सिस्टम तटस्थ नहीं था और छोटे प्रकाशकों को नुकसान पहुंचा रहा था। दरअसल, एपल का यह सिस्टम थर्ड पार्टी एप डेवलपर्स को डेटा कलेक्शन के लिए कड़े नियमों में बांधता है, जबकि एपल खुद अपने विज्ञापन अभियानों के लिए कम सख्त शर्तों का पालन करता है।
सहमति लेने की प्रक्रिया को बना दिया जटिल
FCA का कहना है कि एपल के इस सिस्टम ने सहमति लेने की प्रक्रिया को जटिल बना दिया, जिससे यूजर्स के लिए इसे समझना मुश्किल हो गया। वहीं, छोटे एप डेवलपर्स, जो विज्ञापन के जरिए अपना खर्च निकालते हैं, उन्हें ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा।
डिजिटल बाजार में एपल जैसी बड़ी कंपनियों के प्रभाव को संतुलित करने की दिशा में एक अहम कदम
फ्रांस का यह फैसला डिजिटल बाजार में एपल जैसी बड़ी कंपनियों के प्रभाव को संतुलित करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। हालांकि, एपल को इस फैसले से तत्काल कोई बड़ा बदलाव करने के लिए मजबूर नहीं किया गया है, लेकिन यह मामला भविष्य में बड़े बदलावों की ओर इशारा करता है।
एपल ने आरोपों से किया इनकार
एपल ने इस फैसले पर निराशा जताते हुए कहा कि ATT फ्रेमवर्क का मकसद सिर्फ यूजर्स को ज्यादा कंट्रोल देना है। कंपनी का दावा है कि यह सिस्टम सभी डेवलपर्स के लिए समान है, जिसमें खुद एपल भी शामिल है। साथ ही, इस फीचर को दुनियाभर के उपभोक्ताओं, डेटा सुरक्षा संगठनों और गोपनीयता समर्थकों का समर्थन मिला है।