West Bengal News, (आज समाज), कोलकाता: पश्चिम बंगाल की ममता सरकार द्वारा दुष्कर्म व हत्या के मामले में लाया गया कड़ा अपराजिता विधेयक राज्यपाल आनंद बोस ने मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेज दिया है। यह बिल बंगाल विधानसभा से पास हो गया है। राज्यपाल ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह जानकारी दी। राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद ही बिल कानून में बदल सकेगा।

विधेयक में कई खामियां : राज्यपाल

राज्यपाल आनंद बोस ने कहा, विधेयक में कई खामियां थीं। उन्होंने बताया कि पहले तो बिल के साथ भेजी जाने वाली टेक्निकल रिपोर्ट नहीं दी गई थी। उन्होंने कहा, मेरी आपत्ति के बाद मुख्य सचिव ने टेक्निकल रिपोर्ट सौंपी। विधानसभा में डिबेट का टेक्स्ट और उसका ट्रांसलेशन अब तक नहीं पहुंचाया है। राज्यपाल ने कहा, ममता सरकार को जल्दबाजी नहीं करना चाहिए। उन्हें पछतावा करना चाहिए।

ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के बाद उठ रहे सवाल

बता दें कि पिछले महीने 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेलिडकल एंड कॉलेज अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई है और इसके बाद राज्य की ममता सरकार पर महिला सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे थे। ममता सरकार ने तीन सितंबर को पश्चिम बंगाल विधानसभा में एंटी-रेप बिल पेश किया था।

एंटी रेप बिल में ये है प्रावधान

एंटी रेप बिल के तहत पुलिस को ऐसे मामले की 21 दिन में जांच पूरी करनी होगी और आरोपी को फांसी दिए जाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा भी इस तरह के क्रूर कृत्यों के लिए विधेयक में कड़ी से कड़ी सजा देने के साथ ही भारी जुर्माने की सिफारिश की गई है।