नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दा अपने जन्म के समय से चला आ रहा है। भारत हमेशा से ही इसे द्विपक्षीय मुद्दा बताता रहा है। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इन दिनों मध्यस्थता का बुखार चढ़ा हुआ है। बार-बार अमेरिकी राष्टÑपति की ओर से इस मुद्दे पर मध्यस्थता करने की बात की जा रही है। भारत ने शुक्रवार को कश्मीर में मध्यस्थता के मुद्दे पर अमेरिका को अपना पक्ष साफ कर दिया। भारत ने कहा कि यह सिर्फ भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मामला है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से कश्मीर पर फिर से मध्यस्थता को लेकर दिए बयान के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट करते हुए कहा कि उन्होंने साफतौर पर अपने अमेरिकी समकक्षीय माइक पोम्पियो से सुबह साफ कर दिया कि कश्मीर पर किसी तरह की बातचीत सिर्फ पाकिस्तान के साथ ही होगी। और ये सिर्फ द्विपक्षीय ही होगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि कश्मीर विवाद को सुलझाना भारत और पाकिस्तान पर निर्भर करता है, लेकिन अगर दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसी देश इस दशकों पुराने मुद्दे को सुलझाने में उनकी मदद चाहेंगे तो वह इसके लिए तैयार हैं। ट्रंप पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ पिछले हफ्ते हुई बैठक का हवाला दे रहे थे जिसमें उन्होंने कश्मीर मुद्दे को सुलझाने में मदद की पेशकश की थी। बता दें कि पाकिस्तान इस मुद्दे पर अमेरिका के बयान का स्वागत करता रहा है। पाकिस्तान ने पहले भी कहा कि अमेरिका इस मुद्दे पर मध्यस्थता करता है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है।