Aaj Samaj (आज समाज), Anwar-ul-Haq Kakar, इस्लामाबाद: बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के सीनेटर रहे अनवार उल हक काकर को पाकिस्तान का केयरटेकर प्रधानमंत्री चुना गया है। नेशनल असेंबली भंग होने के 2 दिन बाद विपक्ष और सरकार में अनवार के नाम पर सहमति पर उन्हें देश का केयरटेकर पीएम चुना गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक अनवार आज शपथ लेंगे। पाकिस्तान सरकार ने नेशनल एसेंबली को समय से तीन दिन पहले नौ अगस्त को भंग कर दिया था। इस कदम से चुनाव आयोग को 90 दिन का समय चुनाव कराने के लिए मिल गया है। अगर यह समय पर यानि 12 अगस्त को भंग होती तो 60 दिन के भीतर ही चुनाव कराना पड़ता।
- काकर पर पाकिस्तान में निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी
शाहबाज व विपक्ष के नेता ने की थी नाम की सिफारिश
पाकिस्तान के मौजूदा पीएम शाहबाज शरीफ और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता राजा रियाज ने उनके नाम को राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा था। पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक संसद भंग होने के बाद एक न्यूट्रल केयरटेकर सरकार 90 दिन में देश में कामकाज के लिए जिम्मेदार होती है। इस तरह देश में नई सरकार बनने तक अनवार कार्यवाहक पीएम का पद संभालेंगे। पूरी चुनाव प्रक्रिया के दौरान कार्यवाहक सरकार ही देश का संचालन करेगी।
यानी अब अनवार पर ही पाकिस्तान में निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी होगी।
काकर बेदाग, लगभग तय था पीएम बनना
मीडिया रिपोर्ट्स केअ नुसार अनवार उल हक का केयरटेकर पीएम बनना लगभग तय था। इसकी वजह उनसे जुड़ा कोई बड़ा विवाद नहीं होना है। उनका परिवार पश्तून ट्राइबल से ताल्लुक रखता है। वह बलोच और पश्तून दोनों पर पकड़ रखते हैं। 2018 में वो पहली बार बतौर इंडिपेंडेंट कैंडिडेट सीनेटर चुने गए थे। वह सीनेट में वर्ष 2018 से अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
पाकिस्तान सेना से करीबी संबंध
काकर के पाकिस्तान सेना से करीबी संबंध माने जाते हैं। पाकिस्तान की सरकार में सेना की अहम भूमिका रही है। राजनीति विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कार्यवाहक सरकार अपने संवैधानिक समय से अधिक समय तक रहती है और इस समय तक नए सरकार का गठन नहीं होता है तो इससे सेना को अपनी पकड़ और मजबूत करने में सहायता मिलेगी।
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