Aaj Samaj (आज समाज), Anurag Thakur On Farmer Protest, नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण व युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि किसान नेताओं के साथ बातचीत जारी है और जल्द किसानों के मसले का हल निकलेगा। दिल्ली में पत्रकारों के साथ बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, मोदी सरकार किसानों के कल्याण के लिए सदा समर्पित रही है।
किसानों व सरकार के साथ बेहद सार्थक रही है बात
अनुराग ठाकुर ने कहा, किसान आंदोलन के बीच गुरुवार को केंद्र सरकार ने किसान संगठनों को बातचीत के लिए निमंत्रण दिया था। कई किसान नेता आए और उनके साथ सरकार की बेहद सार्थक चर्चा भी हुई है। उन्होंने कहा, हमने मिलकर अगली वार्ता रविवार को रखी है और मुझे पूरा विश्वास है कि रविवार को भी अच्छे माहौल में बातचीत होगी और हम मुद्दों के समाधान की ओर बढ़ेंगे। केंद्र द्वारा किए गए कार्यों के जवाब में अनुराग ठाकुर ने कहा, खाद, पानी, एमएसपी पर खरीद, बैंकों से सस्ते ऋण और मुआवजे पर पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने जितना काम किया है वह आज से पहले किसी भी सरकार ने नहीं किया।
यूपीए काल से 5 गुना ज्यादा कृषि बजट
2013-14 में जब यूपीए की सरकार थी, तब कृषि बजट 27 हजार 662 करोड़ रुपए था और अभी मोदी सरकार का कृषि बजट 1 लाख 25 हजार करोड़ से ज्यादा है, यानी यूपीए काल से 5 गुना ज्यादा कृषि बजट। अनुराग ठाकुर ने एमएसपी पर कहा, कांग्रेस के समय गेहूं, धान, दलहन और तिलहन की कुल खरीदारी 5 लाख 50 हजार करोड़ रुपए की हुई।
मोदी सरकार ने 18 लाख 39 हजार करोड़ रुपए की खरीदारी की
मोदी सरकार ने 18 लाख 39 हजार करोड़ रुपए की खरीदारी की। यानी लगभग साढ़े तीन गुना ज्यादा। इससे पता चलता है की हमने दाम भी बढ़ाए और खरीदारी भी दोगुनी से ज्यादा की। मोदी सरकार द्वारा किसान हित में किए कार्यों की जानकारी देते केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि सिंचाई योजनाओं के लिए सरकार ने डेढ़ गुना ज्यादा यानी लगभग 15 हजार 500 करोड़ रुपए खर्च किए। कांग्रेस के समय कृषि ऋण मात्र 7 लाख करोड़ रुपए के आसपास था जिसे बढ़ाकर हमने 20 लाख करोड़ रुपए किया है और यह मात्र पिछले वर्ष का आंकड़ा है।
किसान सम्मान निधि के जरिये 2 लाख 81 हजार करोड़ रुपए खातों में भेजे
कांग्रेस के समय किसान सम्मान निधि नहीं थी, हमने किसान सम्मान निधि के माध्यम से 11 करोड़ से ज्यादा किसानों को 2 लाख 81 हजार करोड़ रुपए सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित किए हैं। यूपीए काल की फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को कुछ नहीं मिलता था। मोदी सरकार में डेढ़ लाख करोड़ से ज्यादा का मुआवजा किसानों को मिला है। 10 हजार एफपीओ में से 8 हजार बन चुके हैं और इसे लाखों किसान भी जुड़ चुके हैं।
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