Anurag Thakur Appeal: मणिपुर जैसे मुद्दों का राजनीतिकरण करने के बजाय चर्चा में शामिल हों दल

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Anurag Thakur Appeal
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर

Aaj Samaj (आज समाज), Anurag Thakur Appeal, नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने विपक्षी दलों से अपील की है कि वे संसद के मानसून सत्र में पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हिंसा को लेकर गतिरोध पैदा करने के बजाय इस मुद्दे पर बहस में शामिल हों। उन्होंने आज मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ हुए अत्याचार के मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करने का भी विपक्षी दलों से आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष को ऐसे मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए और उन्हें संसद में चर्चा में शामिल होना चाहिए।

  • विपक्ष चर्चा में शामिल होने के लिए नहीं, चर्चा में बने रहने को करता है प्रदर्शन

सरकार महिलाओं पर अत्याचार के सभी मामलों पर चर्चा को तैयार

अनुराग ने मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर कहा, विपक्ष चर्चा में बने रहने के लिए यह सब करता है, लेकिन चर्चा में शामिल होने के लिए कुछ नहीं करता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, मणिपुर के अलावा राजस्थान, बिहार और पश्चिम बंगाल में जो महिलाओं पर अत्याचार हुए हैं उन सभी पर सरकार चर्चा करने की इच्छुक है। केंद्र सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नहीं, बल्कि गृह मंत्री अमित शाह बोलेंगे।

किसी को भी बहस से भागना नहीं चाहिए

अनुराग ने कहा, महिलाओं को मणिपुर में निर्वस्त्र कर घुमाने की वारदात बेहद दर्दनाक है। चाहे पीड़ित किसी भी इलाके की हों, ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों को किसी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि सदन में इस पर अच्छी चर्चा हो, जिसमें सभी राजनीतिक दल भाग लेंगे। किसी को भी बहस से भागना नहीं चाहिए। मेरा विपक्ष से एक बार फिर हाथ जोड़कर अनुरोध है कि वे चर्चा से न भागे।

राजनीतिक पार्टियां सोमवार को करेंगी संयुक्त विरोध प्रदर्शन

बता दें कि मणिपुर के हालात पर विपक्षी दलों ने सोमवार को संसद में संयुक्त विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है। वे इस मुद्दे पर चर्चा शुरू करने से पहले संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान की मांग कर रहे हैं। गौरतलब है मानसून सत्र के शुरू होने के बाद एक दिन भी संसद मं कामकाज नहीं हुआ है। कांग्रेस व अन्य विपक्षी दल लगातार मणिपुर मुद्दे पर संसद में पीएम मोदी के बयान की मांग को लेकर हंगामा कर रहे हैं। 20 जुलाई को सत्र के पहले व अगले दिन इसी मुद्दे पर घमासान हुआ। सोमवार को सत्र का तीसरा दिन है।

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