नई दिल्ली। कई साल पहले दिल्ली की सड़कों पर एक निर्भया के साथ गैंग रेप ने सभी को हिला कर रख दिया था। अब हैदराबाद में 27 वर्षीय महिला पशु चिकित्सक के साथ बलात्कार और उसके बाद जिंदा जला देने की घटना से लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। इस घटना के बाद इंसाफ और सुरक्षा की मांग को लेकर अकेले ही मोर्चा खोल दिया। शनिवार सुबह एक युवती अनु दूबे संसद भवन के पास प्रदर्शन करनी पहुंची तो दिल्ली पुलिस ने उसे उठाकर थाने ले गई। युवती का आरोप है कि थाने में पुलिवालों ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया। अनु दूबे का कहना है कि थाने में लेकर जाकर तीन लेडी कांस्टेबल मेरे ऊपर चढ़ी थी। वो मुझसे कुछ जानकारी मांग रहे थे तो मैंने कहा था बाहर जाकर बोलूंगी। इस पर उन्होंने मुझे बहुत मारा। अनु ने कहा कि ये मेरे बारे में नहीं है वो लड़की मर गई। मैं मरना नहीं चाहती और नहीं चाहती हूं कि अब कोई रेप की घटना हो। इसलिए मैं प्रदर्शन कर रही थी। जब इस मामले में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को पता चला वह अनु दूबे की मदद के लिए पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने पहुंची।
स्वाति मालीवाल ने कहा कि अनु दूबे को पुलिस ने मारा है। दिल्ली पुलिस को शर्म आनी चाहिए। अनु को थप्पड़ और नाखून मारे गए और दोबारा प्रर्दशन करने से रोका गया। उन्होंने कहा कि अनु को धक्के मार के लिटाया गया और फिर उस पर तीन लेडी कांस्टेबल चढ़ गई। उन्होंने कहा कि इस मामले में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए और तीन अफसरों को बर्खास्त होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक लड़की अपनी आवाज नहीं उठा सकती है। नेता तो कुछ करते नहीं है और आज का युवा आवाज उठाता है तो उसकी आवाजा को तो उसकी आवाज को दबाने की कोशिश की जाती है। दिल्ली पुलिस पर धिक्कर है। तेलंगाना के एक मंत्री ने यह कहकर विवाद पैदा कर दिया कि महिला को अपनी बहन की जगह पुलिस को फोन करना चाहिए था। पुलिस ने बताया कि बलात्कार और हत्या के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।