नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाए जाने से के बाद से ही पाकिस्तान और आतंकियों में बौखालाहट मची हुई है। पाकिस्तान लगातार अपनी बौखलाहट में विश्व मंच पर यह मुद्दा उठाता रहा लेकिन उसे हर जगह मुंह की खानी पड़ी है। सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगे हैं। लेकिन पाकिस्तान को यह रास नहीं आ रहा है। वह यहां अशांति फैलाने की कोशिश में है ताकि वह दुनिया को बता सके कि भारत सरकार के फैसले के बाद घाटी में स्थिति तेजी से बिगड़ रही है। इसके लिए उसने घाटी में 100 खूंखार आतंकियों की घुसपैठ कराकर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की योजना बनाई है। इसके साथ ही सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने अपने सभी दूतावासों में कश्मीर डेस्क की भी स्थापना की है ताकि भारत सरकार के पांच अगस्त के फैसले के विरोध में प्रोपेगैंडा चला सके। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान का मानना है कि कश्मीर में स्थानीय आतंकियों को सही ट्रेनिंग नहीं मिल पा रही वहीं सेना द्वारा लगातार उनके कमांडरर्स का सफाया किया जा रहा है। जिसकी वजह से अब पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबों को अमली जामा पहनाने के लिए अफगानिस्तान के खतरनाक आतंकियों को कश्मीर में घुसपैठ कराने की योजना बना रहा है। सैन्य सूत्रों के मुताबिक, उनके पास पुख्ता जानकारी है कि पाकिस्तान आगामी कुछ हफ्तों में 100 खूंखार आतंकियों को घुसपैठ करा सकता है। सूत्रों का दावा है कि जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर के भाई मुफ्ती रौफ असगर ने 19 और 20 अगस्त को बहावलपुर स्थित जैश के हेडक्वार्टर में शीर्ष आतंकियों के साथ बैठक की। 100 खूंखार आतंकियों के अलावा जैश-ए-मोहम्मद के करीब 15 आतंकी एलओसी के करीब लिपा घाटी में स्थित आतंकी लॉन्च पैड में कश्मीर घाटी में घुसपैठ करने को तैयार बैठे हैं।