Terror-Free India, (आज समाज), नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज दो दिवसीय आतंकवाद विरोधी सम्मेलन-2024 (Anti Terror Conference-2024) की शुरुआत की गई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने उद्घाटन के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देश से आतंकवाद (Terrorism) की समस्या को जड़ से खत्म करने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता जताई।
देश की खातिर बलिदान हुए जांबाजों को मेरा नमन
गृह मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि भारत को स्वतंत्र हुए 75 वर्ष हो गए हैं और देश को महफूज रखने की खातिर अब तक 36, 468 पुलिसकर्मी अपनी जान की बाजी लगा चुके हैं, जिन्हें मेरा प्रणाम है। देश की खातिर सर्वोच्च बलिदान देने के लिए मैं उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। देश की ओर से इन जांबाजो के परिवारों को भी मैं धन्यवाद देना चाहता हूं।
आतंकवाद से लड़ने के लिए मजबूत इकोसिस्टम बनाया
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में पहली बार देश की सत्ता संभालने के बाद 10 साल के भीतर आतंकवाद से निपटने के लिए ठोस रणनीति बनाई है और इस समस्या के खिलाफ मोदीजी की जीरो टॉलरेंस की नीति को आज न केवल भारत, बल्कि दुनिया ने स्वीकारा है। गृह मंत्री ने बताया कि देश के अंदर आतंकवाद से लड़ाई के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम (Strong Ecosystem) बनाया गया है।
अत्याधुनिक तकनीक की जरूरत पर जोर
अमित शाह ने आतंकी खतरों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए अत्याधुनिक तकनीक की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, आतंकियों की साजिश और हमले सीमाहीन व अदश्य ढंग से हमारे खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, यदि हमें इन समस्याओं से सटीक तरीके से निपटना है तो हमारे युवा अफसरों को उच्चतम तकनीक (Highest technology) से लैस करना होगा। साथ ही उन्हें उन्हें प्रशिक्षित करना होगा। आने वाले दिनों में हम इसे प्रशिक्षण का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाएंगे।
राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधी नीति और रणनीति
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि गृह मंत्रालय आतंकवाद से निपटने के लिए एक राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधी नीति और रणनीति लेकर आएगा। उन्होंने कहा, पुलिस राज्य का मैटर है और लड़ाई राज्य पुलिस को ही लड़नी होगी। अमित शाह ने कहा, सूचना देने से कार्रवाई करने तक सभी केंद्रीय एजेंसियां राज्य पुलिस का सहयोग करेंगी।
एनआईए ने किया सम्मेलन का आयोजन
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सम्मेलन का आयोजन किया है। दो दिन चलने वाले इस कार्यक्रम में केंद्रशासित प्रदेशों व राज्यों के सीनियर पुलिस अधिकारियों के अलावा आतंकवाद-रोधी मुद्दों से निपटने वाली केंद्रीय एजेंसियों और संबंधित विभागों के अधिकारी भाग लेंगे। इसके अलावा फोरेंसिक, प्रौद्योगिकी व कानून जैसे संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञ भी इसमें शामिल होंगे।
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