Anti-conversion law will be made: धर्मांतरण विरोधी कानून से बनेगी बात

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देशभर हो रही लव-जिहाद की घटनाओं से जनता के मन में एक उफान है और यदि उत्तर प्रदेश बात करें तो सरकार की संचालन प्रक्रिया पर जनता से सवाल उठाना शुरू कर दिया था लेकिन इस मामले पर स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी निगाह बनाई हुई थी।
मामलों में लगातार वृद्धि होने पर अब प्रदेश सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून लाने के लिए अधिकारियों को खाका बनाकर लागू करने के आदेश दे दिये। इससे पहले यह कानून देश के आठ राज्यों में लागू है।
देश में सबसे पहले 1967 में ओडिशा में यह कानून लागू हुआ था और इसके एक साल बाद यानि 1968 में मध्यप्रदेश में इसे लाया गया था। इसके बाद हिमाचल प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड जैसे राज्यों में यह कानून है।अब उत्तर प्रदेश में भी जल्द ही देखने को मिलेगा। इस कानून के तहत कोई किसी को धोखे में नही रख सकता और न ही कोई किसी फायदे के लिए किसी का जबरन धर्म परिवर्तन करवा सकता। प्रदेश में लव जिहाद की घटनाएं जिस तरह लगातार बढ़ रही हैं उससे एक बात तो तय हो चुकी है कि मुसलमान एक खतरनाक उद्देश्य के लिए हिंदू लडकियों को अपना शिकार बना रहे हैं। ऐसे लोग अपनी असली पहचान को छुपाने के लिए सोशल मीडिया का प्रयोग तो कर ही रहे हैं लेकिन और ज्यादा आश्चर्य तब हुआ जब नकली आधार कार्ड बनाकर उस पर हिंदू नाम लिखवाकर अपनी सही पहचान छुपा रहे हैं। पूर्व ही कुछ घटनाओं में ऐसे चौकाने वाले मामले सामने आए जिस पर मानवता शर्मसार होने लगी। पोल खुलने पर मुसलमान डरने या भागने की बजाए इसके विपरित लडकी का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराने के उस पर व उसके परिवार पर जानलेवा हमला करने लगे। ऐसे दृश्य देखकर ऐसा लगा कि मानो हम पाकिस्तान में हैं चूंकि वहां से ऐसी खबरों रोजाना देखने को मिलती है। इसके अलावा आंकडो के मुताबिक इसमें सबसे ज्यादा फेसबुक पर मुस्लिम युवाओं को देखा जा रहा है जो हिन्दु नाम से अपनी पहचान बनाकर हिन्दु युवतियों को अपने प्रेम जाल में फसाकर उनकी जिंदगिया बर्बाद कर रहे हैं। हम ऐसी खबरें रोज देखते हैं जिससे अब इसका कू-प्रभाव पडना हमें या हमारे समाज को अजीब नही लगता लेकिन धीरे-धीरे ऐसी घटनाओं के आंकडे बढ़ना चिंता का विषय बनते जा रहे हैं।
हर रोज लव-जिहाद घटनाएं सामने आती हैं और हर रोज धर्म के नाम पर घिनौना खेल, खेला जा रहा जिसमें कई मुस्लिम युवक लगातार किसी खतरनाक उद्देश्य से कई हिन्दु लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं। लडकियों को पहले तो फर्जी नाम से प्रोफाइल बनाकर उनको अपना शिकार बनाते हुए उनसे शादी कर लेते हैं। शादी करने के बाद जल्दी से लडकी को गर्भवती कर देते हैं चूंकि यह बात ऐसे लोग बहुत अच्छे से समझ जाते हैं कि बच्चे होने के बाद लडकी कुछ नही कर पाती और उसके बाद हकीकत पता चलने के बाद फिर लडकी का धर्म परिवर्तन कराने के दबाव बनाते हैं। अधिकतर केसों में लडकी को इनकी बात माननी ही पडती है। और न माने तो मार दिया जाता है जैसा अधिकतर घटनाओं में देखा गया है। ऐसे मामलों में लड़की के परिजन भी कुछ नही पाते चूंकि जो लड़की, लड़के का बिना बैक-राउंड जाने या उनके मर्जी के खिलाफ शादी कर लेती हैं तो लडकी के घरवाले उससे रिश्ता खत्म कर लेते हैं।  अब ऐसी घटनाओं पर दुख कम गुस्सा ज्यादा आता है। चूंकि आज के दौर में मात्र सौ रुपये की वस्तु को खरीदने के लिए हम कितनी जांच पडताल करते हैं जो मात्र कुछ समय तक ही चलती है लेकिन जिसके साथ पूरी जिंदगी बितानी है उसके बारे में कुछ भी नही जानने चाहते चूंकि प्यार का भूत इस कदर सवार होता है हर कोई समझाने वाला दुश्मन नजर आता है। प्यार करना गुनाह नही है लेकिन एक ही तरह केस सामने आने पर यदि हम सीख नही ले रहे तो फिर आखिर हम किस नजरिये से समझदार कह ला सकते हैं। यहां लडकियों को यह समझना चाहिए कि बेटी, मां-बाप के जिगर का वो टुकडा होती है जिसकी वह पूरी जिंदगी सुरक्षा चाहते हैं। लव-मैरिज करना अपराध नही हैं लेकिन यह भी समझना चाहिए कि जिसके साथ पूरी जिंदगी बिताने का फैसला आप ले रहे हो तो उसके बारे में तो जांच-पड़ताल करने में क्या बुराई है। दुनिया में कौन से ऐसे मां-बाप हैं जो अपने बच्चों का भला नही चाहते।  माता-पिता तो पूरी जिंदगी अपनी खुशियां मारकर बच्चों के सपनों को पूरा करते हैं तो आखिर हम क्यों भूल जाते हैं वो हमारे साथ अच्छा नही करेंगे।
योगेश कुमार सोनी
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं। यह इनके निजी विचार हैं।)