Vidya Bharati Modern School (Khadi Ashram) Panipat में वार्षिक उत्सव एवं पारितोषिक वितरण समारोह मनाया 

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Vidya Bharati Modern School (Khadi Ashram) Panipat
  • असफलता सफलता की पहली सीढ़ी :  ब्रिगेडियर सत्यदेव
  • महापुरुषों से लें प्रेरणा : बिजेन्द्र हुडडा
Aaj Samaj (आज समाज),Vidya Bharati Modern School (Khadi Ashram) Panipat, पानीपत : विद्या भारती मॉडर्न स्कूल, खादी आश्रम, जी.टी. रोड, पानीपत में वार्षिक उत्सव एवं पारितोषिक वितरण समारोह मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रसिद्ध समाजसेवी और गुरुकुल परिषद, मटिंडू के अध्यक्ष ब्रिगेडियर सत्यदेव ने की। समारोह का शुभारम्भ पारम्परिक दीप प्रज्जवलन व सरस्वती वंदना के साथ हुआ। इस कार्यक्रम का विषय ‘‘रंगोत्सव’’ रहा। विद्यालय की मुख्याध्यापिका मीनाक्षी ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि विद्यालय में बोर्ड कक्षाओं का परिणाम आम तौर पर 100 प्रतिशत तक रहता है और मेरिट 34 प्रतिशत तक रही है। हमारे विद्यालय के रिकार्ड के अनुसार इस समय लगभग 290 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जिनमें से लगभग 25 निःशुल्क शिक्षा ले रहे हैं। जबकि 60 प्रतिशत विद्यार्थियों को फीस में छूट भी दी गई है। उन्होंने आगे कहा कि इसका सारा श्रेय निर्मल दत्त को जाता है जो कि हमारे विद्यालय की प्रेरणा स्त्रोत है और जिन्होंने विद्यालय को ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए दिन-रात एक कर दिया।
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असफल होने पर निराश नहीं होना चाहिए

कार्यक्रम के अध्यक्ष ब्रिगेडियर सत्य देव ने कहा कि हम अपनी भावी पीढ़ी इस तरह से तैयार करें कि जो हर प्रकार की चुनौतियों का सामना मजबूती से कर सकें। उन्होंने कहा कि यह तभी सम्भव है जब शिक्षकगणों, अभिभावकों एवं बच्चों का आपस में संवाद होता रहे। उन्होंने कहा विद्यालय में आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ बच्चों में अच्छे चरित्र का निर्माण करें, जिससे कि जो सपने हमारे राष्ट्रीय नेताओं ने देखे थे, उन्हें वे पूरा कर सकेें। उन्होंने आगे कहा कि सफलता-असफलता, आशा-निराशा ये जीवन के दो पहलू हैं, हमें असफल होने पर निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि हमें अपनी असफलता पर आत्मचिन्तन  करना चाहिए, क्योंकि असफलता सफलता की पहली सीढ़ी है।

बच्चे अपने बल पर मेहनत करके आगे बढ़े

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिजेन्द्र हुडडा, खण्ड शिक्षा अधिकारी ने बोलते हुए कहा कि बच्चे अपने बल पर मेहनत करके आगे बढ़े। उन्होंने बच्चों से अपने अनुभव भी सांझे किए। उन्होंने आगे कहा कि जितने भी शिक्षाविद् और प्रबुद्धजन हुए वे सब हमारी तरह साधारण नागरिक के तौर पर पैदा हुए थे, परंतु उन्होंने अपनी मेहनत और योग्यता द्वारा महान पदों को प्राप्त किया। उन्होंने उन महापुरुषों से प्रेरणा लेने तथा भविष्य में उनके आदर्शों के अनुसार कार्य करने में अपना योगदान देने के लिए कहा।
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विद्यालय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सिद्धांतों व आदर्शों पर चलता है :   निर्मल दत्त 

विद्या भारती शिक्षा समिति की सचिव एवं विद्या भारती मॉडर्न स्कूल की डायरेक्टर निर्मल दत्त ने कहा कि यह विद्यालय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सिद्धांतों व आदर्शों पर चलता है। जब इस विद्यालय की स्थापना सन् 1963 में हुई तब आस-पास कोई विद्यालय नहीं था और खादी आश्रम के बच्चों और आस-पास के निवासियों के समक्ष एक बड़ी समस्या उपस्थित थी जो इस विद्यालय की स्थापना के द्वारा पूरी हुई। इस विद्यालय की स्थापना का उद्देश्य केवल पाठयक्रम के अनुसार ही शिक्षा देना नहीं बल्कि ऐसी शिक्षा देना है जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास सम्भव हो सके और भविष्य के लिए अच्छे नागरिक तैयार हो सकें। उन्होंने आगे कहा कि हमें प्रसन्नता है कि जो बच्चे यहां पढ़कर गये हैं वे सरकारी, गैर सरकारी एवं सामाजिक प्रतिष्ठानों में उच्च पद पर कार्य कर रहे हैं।
राष्ट्रीय विचारों के अनुरूप नई पीढ़ी तैयार करें
स्कूल के प्रबंधक समिति के सदस्य रामदत्त ने बोलते हुए कहा कि हम राष्ट्रीय विचारों के अनुरूप नई पीढ़ी तैयार करें तथा उन्होंने विद्यार्थियों को कहा कि उच्च लक्ष्य रखो, जो महान आदमी हुए हैं वह अलग मिट्टी के नहीं बने थे, उन्होंने मेहनत की, उच्च लक्ष्य रखा और देश का इतिहास बदल दिया। मंच संचालन शालिनी ने किया। विद्यालय में छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए। भिन्न-2 प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया, खूबसूरत नृत्य द्वारा गणेश वंदना, बच्चों द्वारा ग्रुप डांस, राजस्थानी, हरियाणवी, गुजराती, पहाड़ी नृत्य, गिद्दा, राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत गीतों ने पूरे पंडाल में उत्साह भर दिया, मूक नाटिका मोबाईल के दुरूपयोग पर थी उसने समारोह में समा बांध दिया। इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र से संबन्धित 26, खेल क्षेत्र से संबन्धित 184 एवं अन्य गतिविधियों से सम्बन्धित 111 पुरस्कार बांट गये। इस अवसर पर विमला दहिया, मनीषा, दीपचन्द, अवनीष, बिजेन्द्र मान, कुमारी आशा, खादी आश्रम व भारतीय खादी ग्रामोद्योग संघ उ.क्षे. के कार्यकर्ता, बच्चों के अभिभावकगण व सामाजिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।