बरनाला। (अखिलेश बंसल) मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को चारों ओर से घेर प्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारक नवजोत सिंह सिद्धू ने पार्टी की मौजूदा स्थिति से निराश अपने खेमे में शामिल करना शुरू कर दिया है। जैसे ही सिद्धू ने थोड़ा पॉजीटिव रुख दिखाया तो दजर्नों कार्यकर्ता छतरी तले आ गए। इनमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और नामी ट्रांसपोर्टर कुलदीप सिंह काला ढिल्लों, सूरत सिंह बाजवा, युवा नेता गुरकीमत सिंह सिद्धू और अन्य शामिल हैं जो सभी अपने-अपने समर्थकों के साथ नवजोत सिंह सिद्धू की छत्रछाया में चले गए हैं। वर्णनीय है कि काला ढिल्लों के भाई स्व. हरिंदर सिंह सीरा भी कांग्रेस के कद्दावर नेता थे। उनकी मौत के बाद काला ढिल्लों राजनीति में सर्क्यि हो गए थे। लेकिन कांग्रेस के एक गुट की ओर से मनमानियां करने के चलते बरनाला के दजर्नों सक्रिय कार्यकर्ता कांग्रेस से नाराज चले आ रहे थे। जिन्होंने सिद्धू की धर्मपत्नी नवजोत कौर सिद्धू से मुलाकात की है और बरनाला जिले में फिर से सक्रिय हो गए हैं। गौरतलब है कि राजनीति में आने से पहले खिलाड़ी के तौर पर नवजोत सिंह सिद्धू का बरनाला से नाता रहा है और वह बरनाला आते जाते रहे हैं। जैसे ही पार्टी में कलह का मामला हाईकमान के पास पहुंचा उसके बाद विजयइंदर सिंगला के धड़े के कई दिग्गज कार्यकतार्ओँ ने भी सिद्धू समर्थकों से हाथ मिला लिया है।
उल्लेखनीय है कि 2007 के विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेसियों ने बरनाला जिला को कांग्रेस का किला करार दिया था। पार्टी नेताओं की गुटबाजी के कारण जिला धीरे-धीरे कांग्रेस का किला ढह गया। जिले में पहले सुरिंद्र पाल सिंह सिबिया का एक गुट था, लेकिन केवल सिंह ढिल्लों की एंटरी के बाद जिले के नेता और कार्यकर्ता कुछ समय के लिए दो गुटों में बंट गए। उसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान विजयइंदर सिंगला संगरूर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए थे। लेकिन गुटबाजी के चलते केवल सिंह ढिल्लों के खिलाफ अंदरखाते सिंगला का विरोध करने का आरोप लगा था। जिसके बाद जिले में सिंगला और ढिल्लों दोनों गुटों की गुटबंदी खुलकर सामने आयी। जिसका नतीजा 2014 के लोकसभा चुनाव में तत्कालीन सांसद सिंगला की हार हुई, बल्कि जमानत भी जब्त हो गई। सिंगला की हार के बाद कांग्रेस की गुटबाजी इस कदर चरम पर पहुंच गई कि कांग्रेस प्रत्याशी ढिल्लों की लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हार हुई।
हालात यह हो गए हैं कि कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाला बरनाला जिला आम आदमी पार्टी का गढ़ बन गया। आगामी 2022 के चुनावों के दौरान विरोधी गुट के नेताओं को सबक सिखाने काला ढिल्लों, सूरत बाजवा आदि कांग्रेस नेताओं ने नवजोत सिंह सिद्धू से संपर्क किया है। इस बीच सिंगला गुट के प्रमुख नेता और नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष महेश कुमार लोटा ने अपने साथियों को साथ लेकर सिद्धू के नेतृत्व में जिला कांग्रेस को मजबूत करने की पहल की है। सिंगला और सिद्धू गुटों की एकता, आने वाले दिनों में क्या रंग दिखाएगी, यह समय के गर्भ में है। सिद्धू गुट के करीबी सूत्र ने दावा किया कि जल्द ही कई दिग्गज कांग्रेस नेता भी सिद्धू से मिलेंगे और उन्हें बरनाला जिले में आमंत्रित करने के लिए एक प्रभावशाली समारोह आयोजित करेंगे।