केंद्र सरकार के कृषि विधेयक पास कराने केबाद से ही इसका विरोध किसानों द्वारा किया जा रहा है। साथ ही किसानों को विपक्ष की कांग्रेस सहित अन्य पार्टियोंका समर्थन मिल रहा है। लेकिन सबसे अहम खबर यह है कि भाजपा की गठबंधन की साथी रही शिरोमणि अकाली दल ने भी कृषि विधेयकों को लेकर नाराजगी जाहिर की थी । अब एनडीए गठबंधन से शिरोमणि अकाली दल ने अपना नाता तोड़ लिया है। अब खुलकर शिरोमणि अकाली दल और भाजपा केबीच की दूरी सामने आई और किसान बिल पर मतभेद होने के कारण अकाली दल ने एनडीए सेअपना नाता तोड़ लिया। बता दें कि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने पहले ही केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। एनडीए से अलग होने का फैसला अकाली दल के चीफ सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी की कोर कमिटी के साथ बैठक मे लिया है। इस बैठक में पार्टी के कई बड़े पदाधिकारी भी मौजूद थे।
शिरोमणि अकाली दल एनडीए केसंस्थापक सदस्यों में से एक रहा है। अकाली दल और भाजपा ने मिलकर एक साथ लगभग तीन दशकों तक पंजाब में चुनाव लड़े हैं। आज अकाली दल की कोर कमेटी की आपात बैठक बुलाई गई और इसमें एनडीए सेअलग होने का फैसला किया गया। अकाली दल केअध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि ‘हम एनडीए का हिस्सा नहीं हो सकते हैं, जो इन अध्यादेशों को लाया है। यह सर्वसम्मति से फैसला लिया गया है कि शिरोमणि अकाली दल अब एनडीए का हिस्सा नहीं है। उन्होंने बताया कि पार्टी की कोर कमेटी ने चार घंटे की बैठक के बाद निर्णय लिया है।