- 2018 में पूर्व जिला पार्षद जोगेंद्र स्वामी द्वारा हाई कोर्ट में दायर की गई थी याचिका
Aaj Samaj (आज समाज),Angel Prime Mall Sealed, पानीपत : पिछले 7- 8 साल से विवादों में रहे एंजल प्राइम मॉल सेक्टर 11-12 पानीपत को आखिर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा सीलिंग की कार्रवाई की गई, जिसमें प्रशासन द्वारा वीरेंद्र मलिक निगम अभियंता को ड्यूटी मजिस्ट्रेट बनाया गया और एचएसवीपी में कार्यरत रामपाल कुंडू कनिष्ठ अभियंता द्वारा आज सील कर दिया गया सीलिंग के समय काफी संख्या में पुलिस बल दुकानदार और स्थानीय लोग इकट्ठा थे। ज्ञात रहे कि एंजल प्राइम मॉल में बने बैंकट हॉल को लेकर जोगिंदर स्वामी पूर्व जिला पार्षद द्वारा 2016 से स्थानीय लोगों के साथ मिलकर आंदोलन चलाया, जिसमें पूर्व मेयर सरदार भूपेंद्र सिंह, आरडब्ल्यूए प्रधान सेक्टर 11- 12, जगदीश कालड़ा, बाजार प्रधान गौरव लिखा, स्वर्गीय लकी शर्मा, विक्की बत्रा, जन आवाज सोसाइटी के काफी सदस्य जिसमें डीपी ग्रोवर, रंजीत भोला, सरदार कवलजीत सिंह, अमित, नरेश गुप्ता प्रमुख रूप से शामिल रहे। 2017 में तत्कालीन उपायुक्त चंद्रशेखर खरे द्वारा माल को सील करने का नोटिस दिया गया, लेकिन सील करने से एक दिन पहले ही नोटिस को कैंसिल कर दिया गया, जिससे पीड़ित होकर 2018 जोगेंद्र स्वामी द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई।
विभाग उच्च न्यायालय को लगातार 5 सालों तक करता रहा गुमराह
हुडा विभाग उच्च न्यायालय को भी यह कहकर लगातार 5 सालों तक गुमराह करता रहा कि इस पर कार्रवाई करना नगर निगम का कार्य है और उन्होंने यह सेक्टर नगर निगम के हवाले कर दिया है। जिस पर नगर निगम द्वारा शपथ पत्र देकर यह कहा गया कि हमारा कार्य देखभाल का है। इस पर कोई कार्यवाही करना हमारे हद में नहीं है, जिस पर माननीय हाई कोर्ट द्वारा हुडा विभाग पर 50000 रुपए का जुर्माना लगाते हुए तत्काल इस मामले में 7 दिसंबर 2023 तक कार्रवाई करने का आदेश दिया, जिसमें संपदा अधिकारी हुडा सत्यवान मान द्वारा एंजेल मॉल को सील करने के बारे में उल्लेख सहित जवाब दायर करते हुए कहा गया कि एंजल मॉल मल्टीप्लेक्स सिनेमा कंपलेक्स कमर्शियल उद्देश्य के लिए पास था, जबकि लोअर ग्राउंड फ्लोर पार्किंग और सर्विस एरिया के लिए पास की गई थी, लेकिन अब उसमें अवैध रूप से बैंकट हॉल चलाया जा रहा है। वह नॉन कंपाउंडेबल है और इसी प्रकार साइट का नक्शा एक ही एंट्री और एक ही एग्जिट के लिए पास था। जबकि ग्राउंड फ्लोर पर सभी दुकानदारों ने अपनी अपनी साइड में एंट्री बना रखी है, जो कि नियमों के विरुद्ध है। इसी प्रकार सीढ़ी और रैंप सेटबैक एरिया में बना ली गई जो कि नॉन कंपाउंडेबल है, इसी प्रकार एक शौचालय की जगह पर परिवर्तन करके दुकान बना ली गई जो की पूरी तरीके से नियमों की उल्लंघना है।
भ्रष्टाचार में सबसे बड़ा अगर कोई दोषी है तो वह हुडा विभाग के अधिकारी
फायर ब्रिगेड द्वारा जारी एनओसी को लेकर जवाब दायर किया गया कि लोअर ग्राउंड फ्लोर में कवर्ड एरिया केवल 450.65 स्क्वायर मीटर ही कवर किया जाना था, जबकि मौके पर 2250 स्क्वायर मीटर बनता है। जहां पर सेफ्टी एवं फायर विभाग द्वारा एनओसी जारी की गई वह नवकार बैंक्विट हॉल के लिए की गई थी, जबकि रिकॉर्ड में डीएपी स्टेट प्राइवेट लिमिटेड की जगह है। नवकार नाम का कोई भी नक्शा अनुसार स्वीकृति विभाग द्वारा जारी नहीं की गई और यह एनओसी पूरी तरह से गलत तरीके से जारी की गई और यह है लोअर ग्राउंड फ्लोर केबल पार्किंग और पब्लिक सुविधा के लिए है जिसमें 11.9 प्रतिशत ही कवर्ड एरिया होना था जिसको लेकर एंजल प्राइम मॉल का आवंटन रद्द कर दिया गया। याचिकाकर्ता जोगेंद्र स्वामी ने कहा कि भ्रष्टाचार चाहे किसी भी प्रारूप में क्यों ना हो उसकी बलिवेदी पर हमेशा गरीब आदमी ही चढ़ता है, जो पैसा गरीबों के कल्याण के लिए जाना चाहिए वह भ्रष्ट अधिकारियों और पूंजीपतियों की तिजोरी में बंद हो जाता है। उन्होंने इस भ्रष्टाचार में सबसे बड़ा अगर कोई दोषी है तो वह हुडा विभाग के अधिकारी है, जिनके कारण सैकड़ो करोड़ के माल को जीरो कर दिया गया और जिन दुकानदारों ने अपनी खून पसीने की कमाई से यहां दुकानें खरीदी थी उनको आज इन अधिकारियों ने अपनी कमाई का साधन बना लिया। उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा बैंकट हॉल को सील करने का मामला उठाया गया था क्योंकि यह पार्किंग की जगह थी और इसमें बैंक्विट हॉल बना दिया गया जिससे अगर कोई हादसा होता तो सैकड़ों लोगों की जिंदगी जा सकती थी।
सैकड़ों लोगों की जिंदगी को दांव पर लगाने का कार्य किया
स्वामी ने बताया कि भ्रष्टाचार की इससे बड़ी पराकाष्ठा क्या होगी कि हाई कोर्ट में मामला चलने के बाद भी चार-पांच महीने पहले फायर अधिकारी अश्वनी कौशिक द्वारा भ्रष्टाचार की सभी हदें पार करते हुए गलत तरीके से एनओसी तक जारी कर सैकड़ों लोगों की जिंदगी को दांव पर लगाने का कार्य किया। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री, अर्बन लोकल बॉडी मंत्री और फायर सेफ्टी हरियाणा के उच्च अधिकारियों को शिकायत दी गई, लेकिन अब तक ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कोई कार्रवाई न होना हमारी ईमानदार सरकार के ऊपर सवालिया निशान खड़े करता है, जो ऐसे अधिकारियों के भी पहचान नहीं कर पा रहा कि उनके द्वारा दी गई अनापत्ति सर्टिफिकेट से सैकड़ों लोगों की जिंदगी जा सकती है, उन्होंने कहा कि वह इस मामले में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे, इसके लिए चाहे उन्हें दोबारा हाईकोर्ट क्यों न जाना पड़े।