संजीव कौशिक, रोहतक
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन हरियाणा संबंधित एआईयूटीयूसी का धरना 96 वें दिन भी जारी रहा। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने मानसरोवर पार्क में इकट्ठा होकर जनसभा की। जिसकी अध्यक्षता यूनियन की रोहतक जिला प्रधान रोशन चौधरी ने की।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन संबंधित एआईयूटीयूसी की प्रदेश महासचिव पुष्पा दलाल ने कहा कि सरकार के साथ हाल ही में हुई बातचीत सकारात्मक रुख के साथ समाप्त हुई। अब 16 मार्च को असली निर्णय आएगा। तब तक हमारी हड़ताल जारी रहेगी। हरियाणा सरकार से मांग की कि हरियाणा सरकार तुरंत प्रभाव से हड़ताली आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मांगों को स्वीकार करे।
उन्होंने कहा कि हम सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एकजुट हैं। हम सरकार की हर कार्यवाही का जवाब देंगे। हर कीमत पर अपनी सारी मांगों को पूरा कराके ही मानेंगी। प्रशासन के हर तरह के दमन से हमारा आंदोलन दबने वाला नहीं है। आखरी दम तक हम लड़ेंगी और जीतेंगी।
हरियाणा सरकार के पास हमारी इन मांगों को नकारने का कोई तर्क नहीं है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं कोई नई मांग नहीं कर रही है, बल्कि प्रधानमंत्री 2018 की घोषणा को लागू करने की मांग कर रही हैं। इससे इन्कार कर हरियाणा सरकार अपने ही प्रधानमंत्री की अवमानना कर रही है।
आंगनवाड़ी कर्मियों ने आज फिर अपनी मांग दोहराई। उन्होंने मांग की कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए जब तक कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक न्यूनतम वेतन कार्यकर्ता को 24000 व सहायिका को 16000 रू दिया जाए। 2018 में की गई घोषणाओं को लागू करते हुए महंगाई भते की तमाम किस्त मानदेय में जोड़कर दी जाए।
महंगाई भते का बकाया ऐरियर भी तुरंत दिया जाए। विभाग द्वारा बिना फोन व अन्य संसाधन दिए कार्यकर्ता पर ऑनलाइन का काम ना करवाया जाए। प्रधानमंत्री द्वारा सिंतबर 2018 में की गई कार्यकर्ता की 1500 एवं सहायिका का 750 रूपये की बढ़ौतरी को ऐरियर समेत दिया जाए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को 5 लाख व सहायिका को 3 लाख रूपये रिटायरमेंट लाभ दिया जाए। रिटायरमैंट पैंशन लागू की जाए।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से सुपरवाइजर के रूप में 50 प्रतिशत की पदोन्नति को बिना किसी शर्त के लागू किया जाए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका को विभागीय ट्रेनिंग या मीटिंग में बुलाने पर टीए व डीए दिया जाए तथा 18 किलोमीटर की सीमा खत्म की जाए। आंगनवाड़ी कर्मी की दुर्घटना होने पर इलाज का पूरा खर्च मिले। मृत्यु होने पर अन्य विभागों की तर्ज पर 3 लाख रूपये मुआवजा व आश्रित को नौकरी मिले।
आंगनवाड़ी कर्मी की वर्दी की राशि बढ़े व सालाना कम से कम 2000 रूपये की जाए। नई शिक्षा नीति वापस हो। प्ले वे स्कूल के नाम पर आईसीडीएस का निजीकरण ना किया जाए। आईसीडीएस में किसी भी एनजीओ या प्राइवेट संस्था को शामिल करने की अनुमति ना दी जाए। आईसीडीएस में खाली पड़े हैल्परों, वर्करों , सुपरवाईजरों, सीडीपीओ, पीओ आदि के तमाम पदों को भरा जाए ताकि विभाग के काम का संचालन ठीक प्रकार से हो।
राज्य में आन्दोलन के दौरान आंगनवाड़ी कर्मियों पर बने रोड़ जाम के मुकद्दमें निरस्त किए जाएं। सभी वर्कर्स एवं हैल्पर्स को ईएसआई एवं पीएफ के तहत कवर किया जाए व तुरंत इनके खाते खुलें। वर्कर्स व हैल्पर्स को मैडिकल अवकाश दिया जाए। मिनी आंगनवाड़ी केन्द्र में हैल्पर की भर्ती की जाए।
इस मौके पर प्रदेश महासचिव पुष्पा दलाल, जिला प्रधान रोशनी चौधरी, सुनीता वर्मा, महम ब्लॉक सचिव दर्शना, रोशनी पाकस्मा, रामभतेरी, सीमा, संतोष, कविता, कमला, सुनीता, सुमित्रा ने भी अपने विचार रखे।
Anganwadi Workers Held A Public Meeting
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