Aaj Samaj (आज समाज), Anantnag Encounter Over, श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में सुरक्षा बलों ने पानीपत के मेजर आशीष धौंचक, न्यू चंडीगढ़ के 19 आरआर के कमांडिंग आफिसर कर्नल मनप्रीत सिंह , डीएसपी हुमायूं भट व एक अन्य सैनिक की शहादत का बदला आखिर ले लिया। मंगलवार को उन्होंने हमले के सरगना व आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर उजैर खान को भी मार गिराया और इसी के साथ पिछले सप्ताह मंगलवार और बुधवार की मध्यरात्रि से जिले के कोकरनाग स्थित गडूल के घने जंगल व पहाड़ी इलाके में चल रही मुठभेड़ खत्म हो गई। आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर की शाखा टीआरएफ ने ली थी। उजैर खान से पहले दूसरे दहशतगर्द को मार गिराया गया था।

  • कोकरनाग के नौगाम का रहने वाला था उजैर खा

उजैर के पास से हथियार भी बरामद

एडीजीपी कश्मीर विजय कुमार ने बताया कि उजैर खान सहित दो आतंकियों को मार गिराया गया है। उजैर के पास से हथियार भी बरामद कर लिए गए हैं। उस पर 10 लाख रुपए का ईनाम घोषित था और वह कोकरनाग के नौगाम गांव का रहने वाला था। जून-2022 से वह लश्कर से जुड़ा था। एडीजीपी ने बताया कि यहां दो से तीन आतंकियों के छिपे होने की सूचना थी जिस मुठभेड़ खत्म होने के बाद तलाशी अभियान चलाया गया है। उजैर खान के अलावा मिले दूसरे आतंकी के शव की पहचान नहीं हो सकी है।

12 सितंबर को आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी

बता दें कि सुरक्षाबलों को 12 सितंबर मंगलवार शाम को गडूल जंगलों में आतंकियों के छिपे होने की खुफिया जानकारी पर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ की संयुक्त टीम ने तलाशी अभियान चलाया, लेकिन आतंकियों का पता नहीं चल सका। रात होने पर आपरेशन रोक दिया गया। बुधवार सुबह फिर आॅपरेशन शुरू हुआ। सूचना मिली कि आतंकी एक पहाड़ी की चोटी पर हैं।

सुरक्षाबल आगे बढ़े और चोटी पर पहुंचने के लिए उन्हें जो रास्ता अपनाना पड़ा, वह काफी चुनौतीपूर्ण था। जैसे ही सुरक्षाबल गुफा के पास पहुंचे, वहां छिपे आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। संकरे रास्ते पर फंसे होने के कारण सुरक्षा बलों के पास जाने के लिए कोई जगह नहीं थी, जिसके चलते दो सैन्य व एक पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए। अधिकारियों मुठभेड़ स्थल से बाहर निकालना भी काफी चुनौतीपूर्ण रहा। अन्य कर्मियों और हेलीकॉप्टर दोनों द्वारा उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।

एनकाउंटर लंबे आपरेशन की सूची में शामिल

बता दें कि कोकरनाग में आतंकियों के साथ आॅपरेशन घाटी में आतंकवाद के विरोध में चले लंबे आॅपरेशन की सूची में शामिल हो गया है। घने जंगल और सीधे पहाड़ में बनी प्राकृतिक गुफाओं के चलते आॅपरेशन लंबा खिंचा। आॅपरेशन को अंजाम देने के लिए सुरक्षबलों ने ड्रोन, आधुनिक हथियार और उपकरणों का इस्तेमाल किया।

यह भी पढ़ें :

Connect With Us: Twitter Facebook