Haryana Assembly Election: चुनाव प्रचार में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हिस्सा लेने वाले कर्मचारी को हो सकती है तीन माह की जेल

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चुनाव प्रचार में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हिस्सा लेने वाले कर्मचारी को हो सकती है तीन माह की जेल
Haryana Assembly Election: चुनाव प्रचार में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हिस्सा लेने वाले कर्मचारी को हो सकती है तीन माह की जेल

रोहतक के डीसी ने कर्मचारियों व अधिकारियों को दी राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहने की सलाह
Rohtak News (आज समाज) रोहतक: हरियाणा में विधानसभा चुनाव प्रचार पूरे जोर-शोर के साथ चल रहा है। सभी राजनीतिक पार्टियां गाजे-बाजे के साथ चुनाव प्रचार में जुटी हुई है। सभी दल 5 अक्टूबर के दिन अपनी पार्टी के प्रत्यशी के पक्ष में मतदान करने की अपील जनता से कर रहे है। प्रत्याशियों के संगे-संबंधी भी घर-घर जाकर वोट मांग रहे है। इन सब के बीच रोहतक के जिला निर्वाचन अधिकारी व डीसी अजय कुमार ने जिले में कार्ररत सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को लेकर हिदायत जारी की है।

उन्होंने सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को चुनाव प्रचार से दूर रहने के लिए सख्त निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि यदि किसी कर्मचारी या अधिकारी के खिलाफ इसी व्यक्ति विशेष के पक्ष चुनाव प्रचार करने संबंधी शिकायत आती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जांच में दोषी पाए जाने वाले कर्मचारी या अधिकारी को तीन माह की जेल भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि बूथ एजेंट, चुनाव एजेंट व मतगणना एजेंट बनने से दूर रहें। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 129 के अनुसार चुनाव के संबंध में कोई कर्तव्य निभाने के लिए नियुक्त अधिकारी या कर्मचारी चुनाव के संचालन व प्रबंधन में किसी उम्मीदवार के चुनाव की संभावनाओं को बढ़ावा देने के लिए कोई कार्य (वोट देने के अलावा) नहीं करेगा।

चुनाव एजेंट या मतगणना एजेंट नहीं बन सकते कर्मचारी

डीसी अजय कुमार ने कहा है कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 134 के तहत चुनाव से संबंधित पदीय कर्तव्य (चुनाव ड्यूटी) के उल्लंघन का दोषी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी/कर्मचारी को दंडित किया जा सकता है। धारा 134 (क) के तहत यदि सरकारी सेवारत कोई व्यक्ति चुनाव में किसी उम्मीदवार के चुनाव एजेंट या मतदान एजेंट या मतगणना एजेंट के रूप में कार्य करता है तो उसे तीन महीने तक कारावास या जुर्माने से दंडित किया जा सकता है। इसके अलावा, हरियाणा सिविल सेवा (कर्मचारी आचरण) नियम 2016 के नियम 9 के तहत कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी राजनीतिक दल या राजनीति में शामिल ऐसे संगठन का सदस्य नहीं हो सकता। इसके साथ ही वह किसी राजनीतिक आंदोलन या गतिविधि में भाग नहीं लेगा। यदि कोई कर्मचारी इन नियमों का उल्लंघन करते पाया गया तो संबंधित कर्मचारी के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही होगी।

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