Aaj Samaj (आज समाज), Amritpal And Sheikh Abdul Rashid, नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही एक विषय पर लोगों के बीच तेजी से चर्चा चल रही है। यह विषय है जेल में बंद खालिस्तानी अलगाववादी अमृतपाल सिंह और शेख अब्दुल राशिद का चुनाव जीतना। अमृतपाल ने पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट पर जीत हासिल की है और शेख अब्दुल जम्मू-कश्मीर के बारामुल्ला से जीतने में कामयाब रहा है। दोनों ही गंभीर आरोपों के चलते जेल में हैं। इतना ही नहीं, उनके खिलाफ दर्ज मामलों की इंवेस्टिगेशन राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है। अब सबसे बड़ा सवाल आम लोगो के बीच यह है कि क्या दोषी पाए जाने पर अमृतपाल और राशिद अपनी सीट खो देंगे?
- रासुका के तहत डिब्रूगढ़ जेल में बंद है अमृतपाल
सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में सुनाया था यह ऐतिहासिक फैसला
संविधान विशेषज्ञों के मुताबिक अगर राशिद और अमृतपाल को कोर्ट द्वारा दोषी ठहराया जाता है और दो साल की सजा भी सुनाई जाती है, तो वे लोकसभा की अपनी सीट खो देंगे। दरअसल, 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था, जिसमें अदालत ने कहा था सांसदों और विधायकों को दो या उससे अधिक साल की सजा वाली धाराओं के तहत दोषी पाए जाने पर तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना होगा। हालांकि, अमृतपाल और राशिद की चुनावी जीत का मतलब है कि वो बतौर सांसद शपथ ले सकते है।
यदि कोई व्यक्ति दोषी नहीं है तो वह चुनाव लड़ सकता है
कानूनी जानकारी के अनुसार यदि कोई व्यक्ति दोषी नहीं है तो वह चुनाव लड़ सकता है और अदालत से अनुमति मिलने के बाद वह संसद में उपस्थित हो सकता है, लेकिन शपथ समारोह या संसद सत्र के दौरान बाहर आने के लिए दोनों को हर बार अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं, जिसमें जेल में बंद कई सांसदों को शपथ लेने के लिए अस्थायी पैरोल दी गई है। दरअसल अमृतपाल पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत आरोप हैं और वह असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। वहीं राशिद आतंकवाद को वित्तीय मदद मुहैया कराने का आरोपी है। 9 अगस्त 2019 से वह तिहाड़ जेल में बंद है।
संजय सिंह और अखिल गोगोई जेल में रहते ले चुके हैं शपथ
इसी साल मार्च में आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को भी निचली अदालत ने अपने दूसरे कार्यकाल (राज्यसभा सांसद) के लिए शपथ लेने की अनुमति दी थी। वह मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद थे। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने तिहाड़ जेल अधीक्षक को यह सुनिश्चित करने का आदेश भी दिया था कि उन्हें कड़ी सुरक्षा के साथ संसद ले जाया जाए और वापस जेल लाया जाए। ऐसा ही एक और उदाहरण साल 2021 में भी देखने को मिला था। उस समय असम के सिबसागर से जीतने के बाद एनआईए कोर्ट ने अखिल गोगोई को असम विधानसभा के सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए विधानसभा जाने की इजाजत दी थी।
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