राष्ट्रीय सेवा शिविरों का मुख्य उद्देश्य देश की सांस्कृतिक विविधता व इतिहास के बारे में जागरूक करना है : विपिन शर्मा

0
254
Amrit Mahotsav of Independence
Amrit Mahotsav of Independence

नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में जिला बाल कल्याण परिषद की ओर से आज राजकीय कन्या महाविद्यालय नारनौल में राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर में नैतिक मूल्यों की शिक्षा के बारे में जागरूक किया।

इतिहास के बारें में जागरूक

इस मौके पर नैतिक मूल्यों की शिक्षा के राज्य नोडल अधिकारी एवं पूर्व जिला बाल कल्याण अधिकारी विपिन कुमार शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा शिविरों का मुख्य उद्देश्य भारतीय युवाओं को अपने देश की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और इतिहास के बारें में जागरूक करना, राष्ट्रीय गौरव की भावना उत्पन्न करना तथा समाज सेवा के माध्यम से राष्ट्र को एकीकृत करना है। इन शिविरों के माध्यम से आपदा के समय पीड़ितों को भोजन, वस्त्र, प्राथमिक सहायता करना व प्राकृतिक व मानव निर्मित आपदाओं में जरूरतमंदो की सहायता करना सिखाया जाता है। उन्होंने कहा कि हम लोग अपने भावी सन्तान को प्रेम वश होकर मोबाइल, बाईक, कार, कपड़े व फैशन की सामग्री उपलब्ध करवा देते हैं जिनको पाकर बच्चों का चिंतन इतना विषाक्त हो जाता है कि वो माता-पिता से झुठ बोलना, बाते छुपाना, बड़ो का अपमान करना सिख जाते हैं।

हम अपनी सन्तान को अध्याध्मिक विचारधारा व अपनी संस्कृति से नहीं जोड़ पाते। वे पाश्चातय सभ्यता को अपनाकर नास्तिक बनते जा रहे हैं तथा अनेक कुरूतियों व नशे का शिकार बनते जा रहे हैं। इसलिए हमारा सभी का कर्तव्य बनता है कि अपनी सन्तानों को अच्छे संस्कार दें ताकि उनके अच्छे नैतिक चरित्र का निमार्ण हो सकें तथा वे समाज व अच्छे राष्ट्र के निर्माण में सहयोगी बन सकें। हम सबको ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों को संस्कार के बिना दी गई सुविधाएं उनके पतन का कारण बनेगी। आज व्यक्ति एवं समाज में साम्प्रदायिक्ता, जातीयता भाषावाद, हिंसा, अलगाववाद की संकीर्ण भावनाओं व समस्याओं के मूल में नैतिक मूल्यों का पतन ही उत्तरदायी कारण है।

वास्तव में नैतिक गुणों की कोई सूची नहीं बनाई जा सकती परन्तु हम इतना अवश्य कह सकते हैं कि मनुष्य में अच्छे गुणों को हम नैतिक कह सकते हैं जो व्यक्ति के स्वयं के विकास और कल्याण के साथ दूसरों के कल्याण में भी सहायक हो। नैतिक मूल्यों का समावेश जीवन के सभी क्षेत्रों में होता है। व्यक्ति परिवार, समुदाय, समाज, राष्ट्र से मानवता तक नैतिक मूल्यों की यात्रा होती है। नैतिकता समाज में सामाजिक जीवन को सुगम बनाती है। मानव को सामाजिक प्राणी होने के नाते कुछ सामाजिक नीतियों का पालन करना पड़ता है जिनमें संस्कार, सत्य, परोपकार, अहिंसा आदि शामिल हैं। वास्तव में ये सभी नैतिक गुणों में आते हैं और बच्चों को इन्हें बचपन से ही धारण कर लेना चाहिए ताकि अच्छे परिवार, समाज व राष्ट्र का निर्माण हो सके।

इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के सभी बच्चे उपस्थित थे

इस अवसर पर महाविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी डॉ. ममता सिद्धार्थ, डॉ. ममता शर्मा, डॉ. सुमन यादव, बाल भवन से तीरंदाजी कोच सुरेन्द्र शर्मा व अन्य प्रवक्तागण व राष्ट्रीय सेवा योजना के सभी बच्चे उपस्थित थे।

यह भी पढ़ें –13 से 17 फरवरी तक रेडक्रॉस भवन में पांच दिवसीय यूथ रेडक्रॉस कैम्प का आयोजन

यह भी पढ़ें –आने वाली 12 तारीख को दौड़ेगा करनाल

यह भी पढ़ें – राज्य के राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के पदक विजेता अब 28 तक कर सकते हैं आवेदन

Connect With Us: Twitter Facebook