स्व-रोजगार के लिए गए कर्ज में से 50-50 हजार की राशि माफ

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पंजाब के हजारों युवाओं को राहत
आज समाज डिजिटल, चंडीगढ़ :
पंजाब सरकार ने पिछड़ी श्रेणियों और आर्थिक तौर पर कमजोर वर्गों के 4702 कर्जदारों का 20.98 करोड़ रुपए का कर्ज माफ करके उनको बड़ी राहत दी है। यह जानकारी देते हुए पंजाब के सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने किया है। धर्मसोत ने कहा कि पंजाब पिछड़ी श्रेणियां भूमि विकास और वित्त निगम (बैकफिन्को) द्वारा राज्य की पिछड़ी श्रेणियां और आर्थिक तौर पर कमजोर वर्गों के युवाओं को 31 मार्च, 2021 तक बांटे गए कर्ज में से 50-50 हजार रुपए तक की कर्ज राहत दी जा रही है, जिससे निगम के आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग, पिछड़ी श्रेणियों और अल्पसंख्यक वर्ग के कर्जदारों को कर्ज राहत दी जा सके।

जिलेवार इस तरह दी जा रही राहत

धर्मसोत ने बताया कि अमृतसर के 222, बरनाला के 102, बठिंडा के 260, फरीदकोट 317, फतेहगढ़ साहिब के 206, फाजिल्का के 156, फिरोजपुर के 249, गुरदासपुर और पठानकोट के 267, होशियारपुर के 90, जालंधर के 125, कपूरथला के 206, लुधियाना के 347, मोगा के 101, श्री मुक्तसर साहिब के 226, मानसा के 325, एसबीएस नगर के 122, पटियाला के 538, रूपनगर के 212, एसएएस नगर के 147, संगरूर के 186 और तरनतारन के 298 आदि जिलों के नौजवानों को कर्ज राहत दी गई है।

1976 में हुई थी बैकफिंको की स्थापना

सामाजिक न्याय मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा वर्ष 1976 में बैकफिंको की स्थापना, राज्य की पिछड़ी श्रेणियों और आर्थिक तौर पर कमजोर वर्गों का आर्थिक स्तर ऊंचा उठाने के मनोरथ से की थी। इसी मंतव्य के लिए बैकफिंको द्वारा सिख, मुसलमान, ईसाई, पारसी, बौद्ध और जैन समुदायों से संबंधित नौजवानों के स्व-रोजगार के लिए कम ब्याज दरों पर कर्जे मुहैया करवाए जाते हैं।

पिछड़ा वर्ग के उत्थान के लिए करता है कार्य

जिक्रयोग्य है कि बैकफिंको पिछड़ी श्रेणियों और आर्थिक तौर पर कमजोर वर्गों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्व-रोजगार स्कीमों के अधीन कर्ज उपलब्ध करवाता है। कई नौजवानों के भरपूर यत्नों के बावजूद कुछ कारणों से व्यापार फेल हो जाना, लाभार्थी की मौत हो जाने के कारण घर में कोई और कमाने वाला ना होना, लाभार्थी के घर में किसी अन्य मैंबर की लंबी बीमारी होने के कारण या कोई अन्य कमाई का साधन न होना या किसी प्राकृतिक आपदा का शिकार हो जाना आदि के कारण इन कर्ज की वसूली संभव नहीं है।