Amit Shah: कश्मीर में 3 और समूहों ने खुद को हुर्रियत से अलग किया, घटनाक्रम पीएम मोदी की एकजुटता के विजन का उदाहरण

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Amit Shah
Amit Shah: तीन और समूहों ने खुद को हुर्रियत से अलग किया, घटनाक्रम पीएम मोदी की एकजुटता के विजन का उदाहरण

Hurriyat Conference On Hurriyat Conference, (आज समाज), नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के तीन और संगठनों, जम्मू और कश्मीर मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग, जम्मू-कश्मीर इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी और कश्मीर फ्रीडम फ्रंट ने खुद को हुर्रियत कांफ्रेंस से अलग कर लिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आज यह जानकारी दी और जोर देकर कहा कि यह घटनाक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एकजुट और शक्तिशाली भारत के विजन के अनुरूप है।

हुर्रियत से नाता तोड़ना संविधान में विश्वास का प्रमुख प्रदर्शन

अमित शाह ने लिखा, तीन समूहों का हुर्रियत से नाता तोड़ने का फैसला जम्मू-कश्मीर में लोगों के भारत के संविधान में विश्वास का एक प्रमुख प्रदर्शन है। इससे मोदी जी का एकजुट और शक्तिशाली भारत का सपना आज और भी मजबूत हुआ है, क्योंकि अब तक 11 ऐसे संगठनों ने अलगाववाद को त्याग दिया है और इसके लिए अटूट समर्थन की घोषणा की है। मार्च की शुरूआत में, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से जुड़े दो और संगठनों ने घोषणा की थी कि वे संगठन से संबंध तोड़ रहे हैं।

2019 से 2024 तक हुर्रियत से जुड़े 14 संगठन बैन

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 11 मार्च को दो संगठनों – प्रमुख कश्मीरी मौलवी मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाली अवामी एक्शन कमेटी और शिया नेता मसरूर अब्बास अंसारी के नेतृत्व वाली जम्मू-कश्मीर इत्तिहादुल मुस्लिमीन- पर कथित राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों के लिए पांच साल तक प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। अमित शाह ने इससे पहले 21 मार्च को संसद को बताया था कि 2019 से 2024 तक हुर्रियत से जुड़े 14 बड़े संगठनों पर प्रतिबंध लगाया गया है।

पिछली सरकारों की आलोचना की

अमित शाह ने आतंकवाद के प्रति अपने नरम रवैये के लिए पिछली सरकारों की आलोचना की और आरोप लगाया कि वोट बैंक खोने के डर से उन्होंने सख्त कार्रवाई से परहेज किया। गृह मंत्री ने कहा, इसके विपरीत, एनडीए सरकार ने इस बात पर जोर दिया कि पीएम मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को मजबूती से लागू किया गया है।

सरकार सीमा की सुरक्षा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध

अमित शाह हाल ही में जम्मू-कश्मीर के दौरे पर थे और सोमवार को उन्होंने जम्मू संभाग के कठुआ में ‘विनय’ सीमा चौकी पर बीएसएफ कर्मियों को संबोधित कर आश्वासन दिया कि सरकार उन्नत तकनीकों के साथ सीमा की सुरक्षा बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार बीएसएफ के मिशन को अटूट समर्थन दे रही है।

बीएसएफ हमारी रक्षा की पहली पंक्ति

गृह मंत्री ने कहा, पूरा देश जानता है कि बीएसएफ हमारी रक्षा की पहली पंक्ति है। पाकिस्तान के साथ हर युद्ध में बल ने सेना के साथ मिलकर अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, अगले 3-4 वर्षों में बीएसएफ को दी जाने वाली तकनीकी सहायता का उपयोग भारत-पाकिस्तान सीमा पर और बाद में भारत-बांग्लादेश सीमा पर भी सीमा सुरक्षा उपायों को पूरा करने के लिए किया जाएगा।

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