Amit Shah On Sengol: ‘सेंगोल’ सौंपने के दस्तावेजी सबूत न होने के दावे पर अमित शाह का कांग्रेस पर पलटवार

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Amit Shah On Sengol
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह।

Aaj Samaj (आज समाज), Amit Shah On Sengol, नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस के ‘सेंगोल’ को पंडित नेहरू को सौंपने का कोई दस्तावेजी सबूत न होने के दावे पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि देश के एक प्रतिष्ठित मठ ने सेंगोल पंडित नेहरू को सौंपा था और अब कांग्रेस उस मठ को ही फर्जी बता रही है जो भारतीय संस्कृति का अपमान है।

अधीनम मठ के इतिहास को ही फर्जी बता रही कांग्रेस

कांग्रेस ने दावा किया है कि सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में सेंगोल पंडित नेहरू को सौंपने का कोई कागजी सबूत नहीं है। गृह मंत्री ने ट्वीट कर लिखा कि थिरुवदुथुरई अधीनम, जो शैव मत का एक पवित्र मठ है, उन्होंने खुद देश की स्वतंत्रता के वक्त सेंगोल की अहमियत के बारे में बताया था। कांग्रेस अब अधीनम मठ के इतिहास को ही फर्जी करार दे रही है!

भारतीय संस्कृति और परंपराओं से इतनी नफरत क्यों करती है कांग्रेस

कांग्रेस को अपने व्यवहार पर विचार करना चाहिए। एक अन्य टवीट में अमित शाह ने लिखा कि कांग्रेस, भारतीय संस्कृति और परंपराओं से इतनी नफरत क्यों करती है? एक पवित्र सेंगोल को जो तमिलनाडु के प्रतिष्ठित शैव मठ ने पंडित नेहरू को भारत की स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में दिया था, उसे म्यूजियम में ‘चलने वाली छड़ी’ की तरह रख दिया गया।

जानिए कांग्रेस के जयराम रमेश ने क्या कहा था

बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर दावा किया था कि ऐसा कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है कि माउंटबेटन, सी राजगोपालाचारी और पंडित नेहरू ने सेंगोल को सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक कहा था। कांग्रेस नेता कहा कि मद्रास प्रांत के एक धार्मिक प्रतिष्ठान ने अगस्त-1947 में पंडित नेहरू को यह राजदंड सौंपा था लेकिन इसे सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के रूप में वर्णित नहीं किया गया था। कांग्रेस ने यह भी कहा कि सेंगोल मामले को उठाकर बीजेपी तमिलनाडु में राजनीतिक फायदा लेना चाहती है।

छत्तीसगढ़ में विधानसभा का भूमि पूजन सोनिया ने किया, तब राज्यपाल कहां थीं

अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दल कह रहे हैं कि राष्ट्रपति नए संसद का उद्घाटन करें। उन्होंने कहा, मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा का भूमि पूजन सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया था। उस समय छत्तीसगढ़ की राज्यपाल कहां थीं। वे भी आदिवासी हैं। आपने उन्हें नहीं बुलाया था।

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