Aaj Samaj (आज समाज), Amit Shah On CAA, नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) अधिनियम को लेकर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने शनिवार को ईटी नाउ-ग्लोबल बिजनेस समिट में कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले सीएए देश में लागू हो जाएगा। इसके अलावा अमित शाह ने लोकसभा में भव्य राम मंदिर निर्माण का भूमि पूजन और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का जिक्र किया। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के बिना यह संभव नहीं था। संसद में बजट सत्र का शनिवार को आखिरी दिन था और सुबह 11 बजे लोकसभा की शुरुआत राम मंदिर निर्माण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के साथ हुई।
यकीनन चुनाव से पहले नोटिफाई कर अधिनियम लागू करेंगे
केंद्रीय गृह मंत्री ने सीएए को लेकर कहा, यह देश का अधिनियम है और इसे हम यकीनन चुनाव से पहले नोटिफाई कर लागू करेंगे। उन्होंने कहा, इस पर किसी तरह का असमंजस नहीं होना चाहिए। अमित शाह ने कहा, जब कई देशों में अल्पसंख्यक लोगों पर अत्याचार हो रहे थे, तो कांग्रेस ने रिफ्यूजियों को भरोसा दिलाया था कि वे भारत आ सकते हैं। उन्हें यहां की नागरिकता दी जाएगी, लेकिन, अब कांग्रेस अपनी बात से मुकर रही है। गृह मंत्री ने कहा, हमारे देश के अल्पसंख्यक समुदायों, खासतौर पर मुस्लिम समुदाय को उकसाया जा रहा है।
पक्ष में 125 और खिलाफ 99 वोट पड़े थे
बता दें कि 11 दिसंबर 2019 को राज्यसभा में सीएए 2019 के पक्ष में 125 और खिलाफ 99 वोट पड़े थे। अगले दिन 12 दिसंबर 2019 को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई। देशभर में भारी विरोध के बीच बिल दोनों सदनों से पास होने के बाद कानून की शक्ल ले चुका था। इसे गृहमंत्री अमित शाह ने 9 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया था। लोकसभा में आने से पहले ही ये बिल विवाद में था, लेकिन जब ये कानून बन गया तो उसके बाद इसका विरोध और तेज हो गया।
किसी की नागरिकता नहीं छीनेगा सीएए
अमित शाह ने कहा, हमारे देश के अल्पसंख्यक समुदायों, खासतौर पर मुस्लिम समुदाय को उकसाया जा रहा है। उन्होंने कहा, मैं साफ कर देना चाहता हूं कि सीएए किसी भी व्यक्ति की नागरिकता नहीं छीनेगा। इसमें ऐसा कोई प्रावधान ही नहीं है। इसका मकसद केवल धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे पाकिस्तानी, अफगानिस्तानी और बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों को नागरिकता देना है।
22 जनवरी वर्षों के लिए बनेगा ऐतिहासिक दिन
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 22 जनवरी का दिन 10 सहस्त्र सालों के लिए ऐतिहासिक दिन बनने वाला है और यह सबको समझना चाहिए। उन्होंने कहा, जो इतिहास को नहीं पहचानते वे अपना वजूद को खो देते हैं। गृह मंत्री ने कहा, 22 जनवरी का दिन 1528 से शुरू हुए संघर्ष और अन्याय के खिलाफ आंदोलन के अंत का दिन है। न्याय की लड़ाई यहां समाप्त हो गई।
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