Amit Shah flags off Run for Unity, more than 15,000 people run: अमित शाह ने दिखाई रन फॉर यूनिटी को हरी झंडी, 15000 से अधिक लोग दौड़े

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नई दिल्ली। लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 144वीं जयंती के अवसर पर बृहस्पतिवार को इंडिया गेट पर रन फॉर यूनिटी का आयोजन किया गया। इस दौड़ को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झंडी दिखाकर रवाना किया। दौड़ अमर ज्योति पर जाकर समाप्त हुई। इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल, खेल मंत्री किरण रिजिजू, शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी व उपराज्यपाल अनिल बैजल समेत खेल जगत की कई हस्तियां मौजूद रहीं। इस दौरान अमित शाह ने कहा कि देश के प्रथम गृहमंत्री के जन्मदिन को एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। अखंड भारत का अस्तित्व व भारत को एक करने का काम करने वाले लौह पुरुष ही थे। उन्होंने कहा कि आज हमारे सामने जो भारत का मानचित्र दिखाई पड़ता है, जिसमें एक भारत की झलक दिखाई देती है, यह केवल सरदार पटेल के प्रयासों के कारण है। अंग्रेजों ने इस देश को 550 से अधिक रियासतों में बांटने का काम किया। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया मानती थी कि भारत को आजादी तो मिलेगी, लेकिन भारत बिखर जाएगा। देश को अपनी गति प्राप्त करना मुश्किल था। उस समय यह बहुत बड़ी समस्या थी। महात्मा गांधी ने निर्णय कर पूरे भारत को एक संघ भारत बनाने का काम सरदार पटेल का सौंपा। पटेल ने पूरी दृढ़ता के साथ पूरे भारत को एक करने का काम किया। उस समय कई परेशानियां भी आई, लेकिन वह रुके नहीं। जब देश को एक करने का काम हुआ तो गांधी ने पटेल को पत्र लिखकर उनकी प्रशंसा की। शाह ने कहा कि एकता दौड़ की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई थी। पटेल ने आजादी के बाद देश को एक कर अखंड बनाया, लेकिन जम्मू कश्मीर को एक करने की कसक बाकी रह गई थी। उस समय इस राज्य का विलियकरण तो हुआ, लेकिन अनुच्छेद 370 व 35ए के कारण जम्मू कश्मीर हमारे लिए एक समस्या बनकर रह गया। पिछले 70 सालों में किसी सरकार ने इस मामले को छूना भी मुनासीब नहीं समझा। देश की जनता ने केंद्र में भाजपा सरकार को चुना और गत पांच अगस्त को देश की संसद में अनुच्छेद 370 व 35ए को हटाकर सरदार पटेल का अधूरा सपना पूरा करने का काम किया। ये दोनों ही अनुच्छेद देश के लिए आतंकवाद का प्रवेश द्वार बने हुए थे। इसे केंद्र सरकार ने रुक जाओ जैसे फाटक लगाकर रोका।