Global Warming, (आज समाज), नई दिल्ली: जलवायु में बढ़ता मानवीय दखल लगातार चुनौती बनता जा रहा है। इस बार जुलाई कई साल बाद सबसे अधिक गर्म रहा है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है। उन्होंने कहा है कि दुनिया ने 2024 में अब तक के अपने सबसे गर्म जुलाई का सामना किया है। नेशनल ओशनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (एनसीईआई) के वैज्ञानिकों के अनुसार बढ़ता तापमान 20वीं सदी के दौरान जुलाई में दर्ज वैश्विक औसत तापमान (15.8 डिग्री सेल्सियस) से 1.21 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रिकॉर्ड किया गया।
लगातार 14वें महीने में नया रिकॉर्ड
एनसीईआई के वैज्ञानिकों ने कहा है कि यह लगातार 14वां महीना है जब बढ़ते तापमान ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है। एनसीईआई ने रिपोर्ट में यह भी पुष्टि की है कि अफ्रीका, एशिया और यूरोप के लिए भी यह अब तक का सबसे गर्म जुलाई रहा है। उत्तरी अमेरिका ने भी अपने दूसरे सबसे गर्म जुलाई का सामना किया है। रिपोर्ट के अनुसार जनवरी से जुलाई के बीच सात महीनों के दौरान बढ़ते तापमान ने नया रिकॉर्ड बनाया है।
एशिया : चौथी सबसे गर्म जनवरी से जुलाई की अवधि
जनवरी से जुलाई की यह अवधि जलवायु इतिहास की अब तक की सबसे गर्म अवधि थी। इस दौरान बढ़ता तापमान 20वीं सदी में इस अवधि के कालखंड में दर्ज औसत तापमान से 1.28 डिग्री सेल्सियस अधिक रिकॉर्ड किया गया। एशिया के लिए यह चौथी सबसे गर्म जनवरी से जुलाई की अवधि थी, जबकि उत्तरी अमेरिका के लिए यह दूसरी सबसे गर्म अवधि रही।
समुद्रों की सतह का तापमान भी रिकॉर्ड में दूसरा सबसे गर्म
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार धरती बड़ी तेजी से गर्म हो रही है और अगर इसी तरह तापमान बढ़ता रहा तो पर्यावरण और जीव जंतुओं के साथ इंसानों के लिए भी यह धरती सुरक्षित नहीं है। बढ़ता तापमान समुद्र के लिए भी नुकसान पहुंचाने वाला है। वैश्विक स्तर पर समुद्रों की सतह का तापमान भी रिकॉर्ड में दूसरा सबसे गर्म रहा। साथ ही इसने लगातार 15 माह से समुद्र के बढ़ते तापमान के बनते रिकॉर्ड के सिलसिले को भी थाम दिया है। जुलाई में दुनिया के अधिकांश हिस्सों में समुद्री सतह का तापमान सामान्य से कहीं ज्यादा रहा, जबकि उष्णकटिबंधीय और दक्षिण-पूर्वी प्रशांत के कुछ हिस्सों में तापमान औसत से कम दर्ज किया गया।