घातक हो सकते हैं परिणाम, आर्थिक मंदी की आशंका बढ़ी

US-China Tariff War (आज समाज), बिजनेस डेस्क : अमेरिका द्वारा लागू की गई अपनी नई टैरिफ नीति के बाद यह बात सामने आ चुकी है कि एक तरफ जहां अमेरिकी राष्ट्रपति व अमेरिकी प्रशासन विश्व के अन्य देशों के प्रति अलग नजरिया रख रहा है वहीं वह चीन के खिलाफ अलग दृष्टिकोण अपना रहा है।

एक तरफ तो जहां अमेरिका ने 75 देशों के खिलाफ लागू की गई नई टैरिफ दरों को 90 दिन के लिए टाल दिया है वहीं उसने तत्काल रूप से चीन पर 125 प्रतिशत टैरिफ लागू कर दिया है। इसके बाद चीन की तरफ से भी अमेरिका को इसका मुंहतोड़ जवाब देने की बात की जा रही है। जिससे दोनों देशों के साथ-साथ पूरे विश्व में नए टैरिफ वार की संभावना व्यक्त की जा रही है।

असमंजस में फंसे निवेशक

बाजार के विशेषज्ञ आशंका जता रहे हैं कि अमेरिका और चीन के बीच जारी टैरिफ वार के चलते अमेरिका के बाहर के निवेशक अपने यूएस बॉन्ड बेच सकते हैं। हेज फंड और अन्य नुकसान को कवर करने के लिए वे ऐसा कर सकते हैं। इससे दुनिया के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले बाजार अमेरिकी बाजार की प्रतिष्ठा पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं। शुक्रवार को यूरो से लेकर जापानी येन और कनाडाई डॉलर के मुकबाले यूएस डॉलर की कीमतें गिर गईं। व्यापार युद्ध के चलते अमेरिकी उपभोक्ता संशकित हैं और इससे उनके खर्च प्रभावित हो सकते हैं। यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

अमेरिकी शेयर बाजार में भी डर का माहौल

अमेरिकी डॉलर के गिरते मूल्य और वित्तीय बाजार के उतार-चढ़ाव ने संकेत दिया है कि अमेरिका और चीन के बीच संभावित टैरिफ वार से बाजार में डर का माहौल है। एसएंडपी 500 में 1.8 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया। वहीं डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज 340 अंकों की गिरावट से शुरू होकर 810 अंकों की बढ़त तक पहुंचा और फिर 619 अंकों या 1.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी पर बंद हुआ।

वहीं नैस्डैक कंपोजिट में 2.1 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया। कुल मिलाकर शुक्रवार को एसएंडपी 500, 95.31 अंक बढ़कर 5,363.36 पर पहुंच गया। डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 619.05 चढ़कर 40,212.71 पर पहुंच गया, और नैस्डैक कंपोजिट 337.14 चढ़कर 16,724.46 पर पहुंच गया।