America News: एफबीआई के डायरेक्टर बने भारतीय मूल के कश्यप काश पटेल

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America News: एफबीआई के डायरेक्टर बने भारतीय मूल के कश्यप काश पटेल
  • 51-49 के मामूली बहुमत से चुने गए डायरेक्टर

America-India News, (आज समाज), वाशिंगटन: भारतीय मूल के गुजराती कश्यप काश पटेल अमेरिकी संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) के डायरेक्टर बन गए हैं। गुरुवार को वोटिंग हुई और इसके बाद अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी। काश पटेल को 51-49 के मामूली बहुमत से बतौर एफबीआई निदेशक चुना गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सहयोगी और व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ आॅफ स्टाफ डैन स्कैविनो ने काश पटेल को नई जिम्मेदारी के लिए बधाई दी है।

दो रिपब्लिकन सांसदों ने भी विरोध में किया वोट

राष्ट्रपति ट्रंप ने काश पटेल की आधिकारिक नियुक्ति पत्र पर दस्तख्त किए। विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों के अलावा दो रिपब्लिकन सांसद लिसा मर्कोव्स्की दोमात्र और सुसान कॉलिन्स ने भी पटेल के विरोध में मतदान किया। डेमोक्रेटिक सांसदों को डर है कि काश पटेल पद संभालने के बाद ट्रंप के आदेशों का पालन कर उनके विरोधियों को टारगेट करेंगे। काश पटेल ने राष्ट्रपति ट्रंप और अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी का समर्थन के लिए शुक्रिया अदा किया।

न्याय प्रणाली के राजनीतिकरण ने खोया जनता का विश्वास

उन्होंने कहा कि अमेरिका के लोग एक ऐसी एफबीआई के हकदार हैं जो जवाबदेह, पारदर्शी व इंसाफ के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहे। काश पटेल ने कहा, हमारी न्याय प्रणाली के राजनीतिकरण ने जनता का विश्वास खो दिया है। उन्होंने कहा, हम एक ऐसी संघीय जांच एजेंसी बनाएंगे, जिस पर देश के लोग गर्व कर सकें।

भारतीय प्रवासी के बेटे हैं काश पटेल

भारतीय प्रवासी के बेटे काश पटेल का जन्म एक गुजराती परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता युगांडा के शासक ईदी अमीन के देश छोड़ने के आदेश से डर गए थे और 1970 के दशक में भागकर वह कनाडा के रास्ते अमेरिका पहुंचे थे। इसके बाद 1988 में काश पटेल के पिता को अमेरिका की नागरिकता मिल गई और फिर एक एरोप्लेन कंपनी में उन्हें नौकरी मिली।

2004 में हासिल की कानून की डिग्री 

वर्ष 2004 में कानून की डिग्री हासिल करने के बाद काश पटेल को जब किसी बड़ी लॉ फर्म में नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने एक सरकारी वकील के तौर पर काम शुरू किया। हालांकि, ड्रीम जॉब के लिए उन्हें 9 साल इंतजार करना पड़ा और 2013 में वह वाशिंगटन में न्याय विभाग में शामिल हुए। इसके बाद 2016 में काश पटेल को खुफिया मामले से जुड़ी एक स्थायी समिति में कर्मचारी के तौर पर नियुक्त किया गया। इस विभाग के प्रमुख ट्रंप के कट्टर सहयोगी डेविड नून्स थे।

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