आज समाज डिजिटल, America Funding Ukraine Lab : रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को एक साल से भी ज्यादा का वक्त हो गया है। अभी तक कोई परिणाम दिखता नजर नहीं आ रहा है। एक तरफ रूस पीछे हटने को तैयार नहीं है तो दूसरी ओर यूक्रेन को लगतार पश्चिमी देश हथियार सप्लाई कर रहे हैं। अब तो ऐसा लग रहा है कि कहीं इस लड़ाई में जैविक हथियारों की एंट्री न हो जाएं। (Russia Ukraine War)
इस बारे में रूस का कहना है कि अमेरिका यूक्रेन में बनी बायोकेमिकल लैब को फंडिंग कर रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से, रूस ने दावा किया है कि यूक्रेन में जैविक और रासायनिक हथियार विकसित किए जा रहे हैं। इसके लिए अमेरिका वहां कई लैब संचालित कर रहा है।
वहीं अमेरिकी सरकार ने भी इसे स्वीकार किया है लेकिन कई आधिकारिक बयानों में कहा गया है कि इन प्रयोगशालाओं को बंद कर दिया गया है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने इस पर एक रिपोर्ट प्रकाशित करते हुए कहा कि यूक्रेन में कई अमेरिकी प्रयोगशालाएं निष्क्रिय होने के बावजूद अभी भी काम कर रही हैं।
बीते दिन 10 मार्च को मॉस्को में वॉशिंगटन के इंटरनेशनल पैथोजिन रिसर्च प्रोग्रम पर रिपोर्ट पेश की गई। इस दौरान रूस के न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल और कैमिकल डिफेंस फोर्सेस के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल इगोर किरिलोव ने कहा- अमेरिका संचालित इन लैब में खतरनाक पैथोजिन का इस्तेमाल किया जा रहा है। हमें कुछ डॉक्यूमेंट्स मिले हैं जिनसे साफ होता है कि अमेरिका और यूक्रेन मिलकर बायो-लैब में काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दोनों देश मिलिट्री बायोलॉजिकल फील्ड में काम कर रहे हैं। इसमें पैथोजिनिक बायोमटेरियल्स का ट्रांस्फर शामिल है। वहीं लेफ्टिनेंट जनरल किरिलोव ने चेतावनी देते हुए कहा कि US और यूक्रेन लैब में हो रही रिसर्च को रूस के खिलाफ इस्तेमाल कर सकते हैं। लैब में यूज हो रहे इन खतरनाक पैथोजिन्स से कोलेरा (हैजा) जैसी बीमारियां हो सकती हैं। इससे कई तरह के फ्लू होने का खतरा बढ़ सकता है।
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