आज समाज डिजिटल, America blacklist China companies : चीन अपनी विस्तारवादी नीति के कारण पूरे विश्व में बदनाम है। वहीं चीनी सरकार द्वारा वहां के नागरिकों पर अत्याचार और कंपनियों पर सख्त नियम व पाबंदियां लगाने के आरोपों से भी कोई अनभिज्ञ नहीं है। हाल ही में 9 दिसम्बर को तवांग में हुई चीनी सैनिकों से झड़प के बाद भारत में चीनी कंपनियों और चीनी सामान के बहिष्कार की मांग उठ रही है। वहीं दूसरी तरफ अमेरिका ने भी चीन को बड़ा झटका देते हुए इसकी 36 और कंपनियों को ‘ब्लैक लिस्ट’ कर दिया है। अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा, अमेरिकी हितों और मानवाधिकारों पर चिंता जताते हुए यह कदम उठाया है।
जिन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है, उनकी सूची शुक्रवार को प्रकाशित हुई। चाइनीज टेक्नोलॉजी के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों से जुड़ी यह नई कार्रवाई है। इसकी शुरुआत राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में हुई और प्रेसिडेंट बाइडेन के प्रशासन में भी यह सिलसिला जारी है। (36 Companies Banned)
जानकारी के मुताबिक यूएस कॉमर्स डिपार्टमेंट ने चीन की उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्र की 36 कंपनियों को निर्यात नियंत्रण वाली काली सूची में डाला है। इन कंपनियों में विमानन उपकरण, रसायन और कंप्यूटर चिप विनिर्माता शामिल हैं।
ये प्रतिबंध चीन की सेना को अत्याधुनिक कंप्यूटर चिप और हाइपरसोनिक हथियारों जैसी उन्नत तकनीकों को हासिल करने से रोकने के लिए लगाए गए हैं। बाइडेन प्रशासन सेमीकंडक्टर्स और अन्य उन्नत तकनीकों के लिए अमेरिकी विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के लिए आगे बढ़ रहा है।
इससे पहले अमेरिका ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का हवाला देते हुए चीनी दूरसंचार उपकरणों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इनमें Huawei, ZTE समेत पांच चीनी कंपनियों द्वारा बनाए गए संचार उपकरणों की बिक्री पर बैन शामिल है। बाइडेन प्रशासन ने कहा कि ये चीनी उपकरण अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ‘अस्वीकार्य जोखिम’ पैदा करते हैं। चीनी कंपनी को व्यापार ‘एन्टिटी लिस्ट’ में शामिल करने का मतलब है कि उनके साथ व्यापार करने वाली किसी भी अमेरिकी कंपनी के निर्यात लाइसेंस को रद्द कर दिया जाएगा।
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