America Appeals India: व्लादिमीर पुतिन को अंतरिक्ष में परमाणु हथियार तैनात न करने के लिए मनाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर।

Aaj Samaj (आज समाज), America Appeals India, वाशिंगटन: दुनियाभर में बढ़ते भारत के रुतबे का एक और उदाहरण देखने को मिला है। दरअसल, रूस द्वारा अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों की तैनाती की प्लानिंग के बाद विश्व के सबसे ताकतवर देश अमेरिका ने भारत से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को ऐसा न करने के लिए मनाने की अपील की है।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की और उनसे कहा कि वैश्विक शांति के लिए अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों की तैनाती रोकना बेहद महत्वपूर्ण है। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना है कि रूस साल 2022 से ही अंतरिक्ष में परमाणु हथियार तैनात करने की कोशिश कर रहा। एंटनी ब्लिंकन ने जयशंकर से अनुरोध किया है कि अमेरिका चाहता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्लादिमीर पुतिन से बात करके उन्हें ऐसा न करने के लिए मनाएं।

यूक्रेन पर हमले के दौरान लॉन्च किया था मिलिट्री सैटेलाइट

बता दें कि भारत और रूस के संबंधों के बारे में पूरी दुनिया जानती है। मोदी-पुतिन के संबंधों का भी सबको पता है। दरअसल, यूक्रेन पर हमले के दौरान 2022 में रूस ने मिलिट्री सैटेलाइट लॉन्च किया था और इसके बाद अमेरिकी पता लगाने में जुटा है कि आखिर रूस कर क्या रहा है। महीनों बाद खुफिया एजेंसियों को पता चला कि रूस अंतरिक्ष आधारित हथियार बनाने में जुटा है।

वैश्विक संचार व्यवस्था के लिए उत्पन्न होगा खतरा

एंटनी ब्लिंकन का कहना है कि अंतरिक्ष में परमाणु बम का विस्फोट होने से केवल अमेरिका नहीं, बल्कि पूूरी दुनिया प्रभावित होगी। इससे वैश्विक संचार व्यवस्था ध्वस्त हो सकती है कई देशों का एक-दूसरे से संपर्क टूट सकता है। भारत-चीन के उपग्रहों पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा। साथ ही भविष्य में प्रक्षेपित किए जाने वाले उपग्रहों के लिए भी समस्या होगी। अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का यह भी मानना है कि रूस एक और लॉन्चिंग की तैयारी कर रहा है, जिससे अंतरिक्ष में परमाणु हथियार तैनात करना संभव हो सकेगा। यदि ऐसा हुआ तो 50 साल से भी ज्यादा पुराने आउटर स्पेस ट्रिटी (1967) का उल्लंघन होगा।

एंटी सैटेलाइट वेपन का पहले ही परीक्षण कर चुका है रूप

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का दावा है कि पुतिन ने पहले ही पश्चिमी देशों के सैटेलाइट को नष्ट करने के लिए डिजाइन किए गए एंटी सैटेलाइट वेपन का परीक्षण कर लिया है। इसमें सबसे प्रमुख कॉसमॉस 2543 है। इसका परीक्षण 2020 में किया गया था, हालांकि उस समय कॉसमॉस 2543 परमाणु हथियारों से लैस नहीं था। लेकिन, आशंका है कि इस तरह की तकनीक से भविष्य में बनने वाले एंटी सैटेलाइट वेपन को परमाणु हथियारों से लैस किया जा सकता है।

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