सरकार जल्द 53 नई बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस किराए पर लेगी

Delhi News Update (आज समाज), नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली की गणना प्रमुख महानगरों में होती है। यहां पर लोगों को जो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण सुविधा चाहिए वो है समय पर उपचार की। किसी भी व्यक्ति को उपचार के लिए समय पर अस्पताल पहुंचाने में एंबुलेंस का महत्वपूर्ण स्थान होता है। वहीं यदि राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां पर जरूरत के हिसाब से एंबुलेंस की संख्या कम है।

जिस कारण आपात स्थिति में लोगों को समस्या का सामना करना पड़ता है। वहीं अब दिल्ली सरकार ने इस समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की कैट्स (केंद्रीकृत दुर्घटना एवं आघात सेवा) एंबुलेंस सेवा ने एंबुलेंस की संख्या बढ़ाने की पहल की है।

निजी एंबुलेंस संचालकों से मांगे आवेदन

इसके तहत नई एंबुलेंस किराए पर लेने की तैयारी की जा रही है। कैट्स एंबुलेंस सेवा ने 53 नई बीएलएस (बेसिक लाइफ सपोर्ट) को किराए पर लेने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है और निजी एंबुलेंस संचालकों से आवेदन मांगे हैं। कैट्स एंबुलेंस सेवा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उम्मीद है कि छह महीने के अंदर ये एंबुलेंस कैट्स बेड़े में शामिल हो जाएंगी। इससे मरीजों को इमरजेंसी में कैट्स हेल्पलाइन (102) पर कॉल कर जल्दी अस्पताल जाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा मिल सकेगी। फिलहाल दिल्ली में 277 कैट्स एंबुलेंस हैं। जिनमें से 137 कैट्स की अपनी एंबुलेंस हैं। इसमें आठ एएलएस (एडवांस लाइफ सपोर्ट) और 129 बीएलएस (बेसिक लाइफ सपोर्ट) एंबुलेंस शामिल हैं।

निजी एजेंसी को सौंपी संचालन की जिम्मेदारी

स्वास्थ्य विभाग ने इन एंबुलेंस के संचालन की जिम्मेदारी एक निजी एजेंसी को सौंपी है। इसके अलावा कैट्स के पास 140 किराए की एंबुलेंस भी हैं। इसमें 50 एएलएस एंबुलेंस शामिल हैं। इस तरह कुल 58 एएलएस और 219 बीएलएस एंबुलेंस उपलब्ध हैं। किराए की एंबुलेंस का संचालन संबंधित निजी एजेंसियां करती हैं। दिल्ली में भाजपा सरकार आने के बाद विधानसभा में पेश कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि एंबुलेंस सेवा बदहाल हो गई है। एंबुलेंस में जरूरी उपकरणों की कमी है। इसके अलावा किसी मरीज या उनके परिजनों के कॉल करने के बाद एंबुलेंस को कैट्स हेल्पलाइन तक पहुंचने में लगने वाला समय भी पहले के मुकाबले बढ़ गया है।

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