आज समाज डिजिटल, अंबाला:
पृथ्वी पर संकट के बादल मंडराते रहते हैं। क्षुद्र ग्रहों की मार आए दिनों धरती को सहनी पड़ती है। डायनासोर जैसे विशालकाय जीवों का अस्तित्व मिटाने में भी इन्हीं का हाथ रहा है। हाल ही में 24 जुलाई 2021 को एक और बड़े आकार का क्षुद्र ग्रह धरती के पास से गुजरा हालांकि इससे धरती को किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ।
आर्मी पब्लिक स्कूल अंबाला कैंट के कक्षा सातवीं के छात्र तराक्ष पराशर ने अंतराष्ट्रीय क्षुद्रग्रह खोज परियोजना 2021 के अंतर्गत छह प्रारम्भिक क्षुद्रग्रह खोजे हैं। अंतराष्ट्रीय क्षुद्रग्रह खोज परियोजना का संचालन नासा के नागरिक विज्ञान परियोजना के हिस्से के रूप मे अंतराष्ट्रीय खगोलीय खोज सहयोग द्वारा किया गया था। इस परियोजना में भारत समेत दुनिया भर के 134 टीमों ने आई ए एस सी द्वारा प्रदान किए गए उच्च गुणवता वाले खगोलीय डेटा का विश्लेषण किया गया। इस परियोजना के लिए स्मार्ट्सर्किट इन्नोवेशन ने आर्मी पब्लिक स्कूल अंबाला के छात्रों को ट्रेनिंग दी थी।
प्रारम्भिक खोज केवल क्षुद्रग्रह की पहली खोज है और उनमें से कुछ को अंतिम खोजों के रूप में पुष्टि करने और औपचारिक रूप से दर्ज किए जाने में लगभग एक वर्ष का समय लगेगा। इस परियोजना मे छात्र क्षुद्रग्रहों को देखने और उनके निष्कर्षों की रिपोर्ट तैयार करने के लिए उन्नत सॉफ्टवेयर विश्लेषण का उपयोग करते हैं और हर दिन लगभग चार-छह घंटे रिसर्च करते हैं।
स्कूल के प्रधानाचार्या डॉ परमजीत सिंह ने इस उपलब्धि के लिए तराक्ष पराशर और स्मार्ट्सर्किट इन्नोवेशन को बधाई दी। जिन छात्रों को रोबोटिक्स टेक्नॉलॉजी में रुची है उन्हे ये सुविधा भी स्कूल में प्रदान ङङकक की जाती है। इससे पहले भी प्रधानाचार्या डॉ परमजीत सिंह के प्रयास स्वरूप स्कूल के छात्र नासा के वैज्ञानिकों के साथ रूबरू हो चुके हैं।