- सीबीएसई द्वारा कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क बारे दी जानकारी
Ambala News | The Sd Vidya School | आज समाज नेटवर्क । अंबाला। द एसडी विद्या स्कूल अंबाला छावनी में सीबीएसई द्वारा आयोजित कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क पर अध्यापकों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला के संसाधन व्यक्ति डॉक्टर सुरेश आग्रवाल पूर्व प्राचार्य, सीबीएसई मास्टर ट्रेनर व रितु मागो प्राचार्य मोतीराम आर्यन मॉडर्न स्कूल पंचकूला थे।
इस कार्यशाला में अनुरूप जौहल (डायरेक्टर प्राइमरी विंग व कोआॅर्डिनेटर टॉडलर्स विंग), वंदना मेहता (डायरेक्टर माध्यमिक व वरिष्ठ वर्ग) व विद्यालय के 60 अध्यापक उपस्थित थे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षा को और प्रभावशाली बनाने के लिए अध्यापकों को नए नए गुर सीखाना था ।
बच्चों को प्रारंभिक स्तर पर ही शिक्षा को रोचक बनाने के लिए व्यावहारिक ज्ञान देना बहुत ही जरूरी – डॉ. रितु
डॉक्टर रितु मागो ने अध्यापकों को बताया कि बच्चों को प्रारंभिक स्तर पर ही शिक्षा को रोचक बनाने के लिए व्यावहारिक ज्ञान देना बहुत ही जरूरी है जिसके लिए उन्हें अलग-अलग ग्रुप में बांटकर उनकी रुचि के अनुसार विषय दिए जाएं तो वे शिक्षा को बेहतरीन रूप दे सकते हैं। उनके अनुसार आज शिक्षा का स्वरूप बिल्कुल ही बदल चुका है।
यह केवल किताबी ज्ञान तक ही सीमित नहीं है बल्कि आज बच्चे चारों तरफ से और अपने वातावरण से कुछ ना कुछ नया आवश्यक ही सीखते हैं। उनके अनुसार किताबी ज्ञान से बेहतर बच्चे अपने आसपास घटित घटनाओं को देखकर व सुनकर बहुत ही जल्दी कुछ नया सीखने का प्रयास करते हैं।
उन्होंने इस प्रकार की गतिविधियों की ट्रेनिंग अध्यापकों को दी जिससे विद्यार्थी बौद्धिक विकास के लिए कुछ नया सीख सकें। उनके अनुसार इस प्रकार का वातावरण अगर विद्यालय में भी बच्चों को उपलब्ध करवाया जाए तो बच्चों की सीखने की क्षमता ओर बढ़ सकती है।
बच्चों का चहुंमुखी विकास होना अतिआवश्यक – डॉ. सुरेश अग्रवाल
डॉ सुरेश अग्रवाल ने अध्यापकों को बताया कि बच्चों का चहुंमुखी विकास होना अतिआवश्यक है । जिसके अंतर्गत पौष्टिक आहार, प्राणायाम, आध्यात्मिक ज्ञान भी शिक्षा के प्रमुख अंग है। उनके अनुसार शिक्षा को बच्चों के लिए आनंदमय बनाना चाहिए ताकि वे अपना पाठ्यक्रम गहन रूप से ग्रहण कर सकें।
संसाधन व्यक्तियों को विद्यालय के द्वारा प्रेम पूर्वक हरे पौधे भेंट किए गए। सभी अध्यापकों ने उनके द्वारा सिखाए गए कदमों की सराहना की और बच्चों को इस प्रकार की गतिविधियों के द्वारा सीखने की कला को अति प्रभावशाली बनाने का वायदा किया।
विद्यालय की निर्देशक प्राचार्या नील इंद्रजीत कौर संधू ने इस कार्यशाला के संसाधन व्यक्तियों डॉ सुरेश अग्रवाल व डॉ रीतु मागो की सराहना और उनका धन्यवाद किया कि उन्होंने विद्यालय के अध्यापकों को अपना बहुमूल्य समय देकर उन्हें बच्चों को पढ़ाने के लिए अलग-अलग गतिविधियों की ट्रेनिंग दी।
विद्यालय के अध्यक्ष बीके सोनी के अनुसार इस प्रकार के ट्रेनिंग प्रोग्रामों के द्वारा अध्यापकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षा को अत्यंत प्रभावशाली बनाने के लिए नए-नए कौशल सीखने के अवसर मिलते हैं ।