Ambala news : अंबाला। अंबाला छावनी स्थित पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-2 में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, अंबाला के तत्वावधान में संसदीय राजभाषा निरीक्षण प्रश्नावली कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार के अधिकृत कार्यालयों में हिंदी के अधिकतम प्रयोग को प्रोत्साहित करना तथा संसदीय राजभाषा निरीक्षण प्रश्नावली को प्रभावी रूप से भरने और उसके महत्व को समझाने पर विशेष जोर दिया गया। कार्यशाला में विभिन्न सरकारी विभागों और संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्राचार्य हरिन्द्र सिंह लाम्बा तथा नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, अंबाला के अधिकारियों राजकुमार, कनिष्ठ हिंदी अनुवादक, नीना रानी, कनिष्ठ हिंदी अनुवादक तथा कार्तिक कुमार, कनिष्ठ अनुवाद अधिकारी द्वारा की गई , जिन्होंने प्रतिभागियों को हिंदी के संवैधानिक निदेर्शों और सरकारी कामकाज में हिंदी के प्रयोग को लेकर जागरूक किया।
कार्यशाला में राजभाषा अधिनियम के प्रावधानों, संसदीय निरीक्षण की प्रक्रिया और प्रश्नावली को सही तरीके से भरने की तकनीकी जानकारी प्रदान की गई। सर्वप्रथम विद्यालय के प्राचार्य हरिन्द्र सिंह लाम्बा ने कार्यशाला में उपस्थित सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हिंदी हमारी राजभाषा है और इसका सरकारी कार्यों में अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है। संसदीय निरीक्षण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से सरकार विभिन्न विभागों और कार्यालयों में राजभाषा के प्रयोग की निगरानी करती है। यह प्रश्नावली हमारे लिए एक मार्गदर्शक है, जो हमें यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि हम अपने दैनिक कार्यों में हिंदी का सही और समुचित प्रयोग कर रहे हैं अथवा नहीं।
मुख्य वक्ता ने हिंदी में प्रशासनिक कामकाज को आसान बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों और डिजिटल उपकरणों पर भी चर्चा की, जिससे सरकारी दस्तावेजों को हिंदी में तैयार करना और उन्हें प्रस्तुत करना सरल हो सके। प्रतिभागियों ने भी अपने अनुभव साझा किए और कार्यशाला के दौरान उठाए गए मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। तत्पश्चात विद्यालय के हिंदी के स्नातकोत्तर अध्यापक डॉक्टर रविंद्र कुमार ने मंत्रालय से संबंधित प्रश्नावली, मुख्यालय से संबंधित प्रश्नावली, उपक्रमों/निगमो/बैंकों आदि के लिए पूरक प्रश्नावलियों पर विस्तृत चर्चा की। कार्यशाला के अंत में, सभी प्रतिभागियों द्वारा भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें सभी प्रतिभागियों और आयोजकों का आभार व्यक्त किया गया।