Ambala News | अंबाला। पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2, अंबाला छावनी में “राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा 2023” के तहत 15 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को नवीन पाठ्यक्रम और शिक्षण विधियों के प्रति जागरूक करना और उन्हें नई शिक्षा प्रणाली के साथ जोड़ना है।
इस क्रम में आज “भाषा शिक्षा अधिगम” और “विज्ञान शिक्षा अधिगम” विषयों पर तीन विशेषज्ञ वक्ताओं द्वारा विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रथम वक्ता अंग्रेजी की स्नातकोत्तर शिक्षिका नूतन श्रीवास्तव ने “भाषा शिक्षा अधिगम” पर अपने विचार साझा किए।
उन्होंने बताया कि भाषा शिक्षा अधिगम न केवल विद्यार्थियों की भाषाई कुशलता को बढ़ाता है, बल्कि उनके संज्ञानात्मक विकास में भी सहायक होता है। उन्होंने शिक्षकों को नई पाठ्यक्रम रूपरेखा के अनुसार छात्रों में संवादात्मक और रचनात्मक लेखन कौशल के विकास के लिए विभिन्न तकनीकों को अपनाने की सलाह दी।
दूसरी वक्ता जीव विज्ञान की स्नातकोत्तर शिक्षिका चारु धवन ने “विज्ञान शिक्षा अधिगम” पर चर्चा की। उन्होंने वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तर्कसंगत सोच विकसित करने के लिए व्यावहारिक गतिविधियों के महत्व पर जोर दिया। चारु ने बताया कि पाठ्यक्रम रूपरेखा 2023 विज्ञान विषय की शिक्षा में प्रायोगिक अनुभवों को प्राथमिकता देती है, जो कि छात्रों में सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ विज्ञान के प्रति जिज्ञासा उत्पन्न करने में सहायक सिद्ध होता है।
तृतीय वक्ता अंग्रेजी के स्नातकोत्तर शिक्षक सतीश कुमार ने भाषा एवं विज्ञान शिक्षा में तकनीकी उपकरणों और डिजिटल संसाधनों के उपयोग के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि डिजिटल टूल्स का प्रयोग छात्रों को शिक्षण में अधिक व्यस्त रखता है और विषय के प्रति उनकी रुचि को बढ़ाता है।
उन्होंने सुझाव दिया कि शिक्षक डिजिटल सामग्री और गतिविधियों का अधिक से अधिक उपयोग करके विद्यार्थियों की सीखने की प्रक्रिया को रोचक बना सकते हैं। कार्यशाला के समापन में विद्यालय की प्रभारी प्राचार्या ने वक्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया और शिक्षकों को नई शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षण में नवाचार अपनाने के लिए प्रेरित किया।
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