(Ambala News) अंबाला। पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2, अंबाला छावनी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत “राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा 2023” पर आधारित 15 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शिक्षक समुदाय को नई पाठ्यक्रम रूपरेखा के अनुरूप शिक्षा के विभिन्न पहलुओं और शिक्षण के नवीनतम तरीकों से परिचित कराना था। इस कार्यशाला के विशेष सत्र में “आधारभूत स्तर पर अधिगम” विषय पर दो विशेषज्ञ वक्ताओं द्वारा व्याख्यान प्रस्तुत किए गए।
वक्ताओं ने न केवल प्रारंभिक कक्षाओं में सीखने की महत्ता को रेखांकित किया, बल्कि अधिगम के स्तर को सुधारने के लिए उचित रणनीतियों पर भी जोर दिया। रसायन शास्त्र की स्नातकोत्तर शिक्षिका ऋचा जैन ने आधारभूत स्तर पर अधिगम को सुदृढ़ करने में भाषा और संख्यात्मक कौशल के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बच्चों के विकास की शुरूआत उन्हीं क्षमताओं को मजबूत करने से होती है, जिन्हें प्रारंभिक स्तर पर सीखा जाता है। व्याख्यान में बाल मनोविज्ञान को समझते हुए बच्चों की क्षमता के अनुसार शिक्षण गतिविधियों को तैयार करने पर बल दिया गया। इसके साथ ही उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे खेल, गतिविधियों और कहानियों के माध्यम से बच्चों में ज्ञान और कौशल को आत्मसात करने का प्रयास करें।
रसायन शास्त्र की स्नातकोत्तर शिक्षिका ज्योति वर्मा ने “आधारभूत स्तर पर अधिगम” को शिक्षा का आधार बताते हुए विशेष रूप से पठन और गणना की दक्षताओं के विकास पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि शिक्षक कैसे छोटे बच्चों को प्रभावी रूप से ध्यान आकर्षित कर सकते हैं और उनकी जिज्ञासा को बढ़ावा दे सकते हैं। उन्होंने अनुभव-आधारित शिक्षा और सक्रिय भागीदारी पर जोर दिया, जिससे बच्चों का ज्ञान सिर्फ पुस्तकीय न रहकर उनके जीवन का हिस्सा बन सके। कार्यशाला के अंत में एक परिचर्चा सत्र का आयोजन भी किया गया, जिसमें शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा किए और विशेषज्ञों से सुझाव प्राप्त किए। इस प्रकार, कार्यशाला का सफल आयोजन विद्यालय में आधारभूत स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
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