Ambala News | अंबाला। अंबाला के मानसिक स्वास्थ्य सेवा से जूड़े मनोवैज्ञानिकों ने भारत के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक डॉ (प्रो) द्वारका प्रसाद की याद में सभा आयोजित की व उनको विनम्र श्रद्धांजलि दी। डॉ प्रसाद पूर्व में रिहैबिलिटेशन काउंसिल आफ इंडिया (आरसीआई) के क्लिनिकल कमेटी के चेयरमैन भी थे। इस सभा का आयोजन मनोवैज्ञानिक डॉ कुलदीप सिंह, डॉ दीपशिखा शर्मा और श्री चंद्रहास ने किया, जो आटिज्म पर काम करते हैं।
इस सभा के आयोजक डॉ. कुलदीप सिंह, निदेशक, माइंड थेरेप्यूटिक्स, ने डॉ. प्रसाद की सबसे महत्वपूर्ण घोषणा में से एक को याद किया: “मैं शारीरिक रूप से विकलांग हो सकता हूँ, लेकिन मानसिक रूप से सक्षम हूँ।” उन्होंने बताया कि कैसे डॉ. प्रसाद ने अपने अंतिम दिनों तक 93 वर्ष की आयु तक पढ़ाने के प्रति अपनी अटूट समर्पण भावना बनाए रखी। डॉ. सिंह ने डॉ. प्रसाद की इस विचारधारा को साझा किया कि अपने जुनून को जीना ही वास्तविक जीवन जीना है।
मनोवैज्ञानिक डॉ रवि अग्रवाल ने कहा, “डॉ प्रसाद एक महान मनोवैज्ञानिक थे, जिनका योगदान मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में अतुलनीय है।” डॉ दीपशिखा शर्मा ने कहा, “डॉ प्रसाद का योगदान साइकोलॉजी के क्षेत्र में अतुलनीय है। हमें उनकी शिक्षाओं को आत्मसात करने की जरूरत है। आटिजम सेंटर के प्रधान चंद्रहास शर्मा ने कहा “हम डॉ प्रसाद के काम से प्रेरित हैं और उनकी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस आयोजन में अंबाला जिला के और आसपास के क्षेत्रों के मानसिक स्वास्थ्य सेवा से जुड़े , मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे। जिनमे मिस वसुंधरा, रिया, श्री बीटू जी, रमन दीप सिंह, इंदरजीत सिंह गिल, संजीव कुमार, डॉ आरजू यादव, हरलीन कौर, सपना शर्मा, डॉ महिंदर यादव व डॉ पीयूष मौजूद थे।