Ambala News : द एसडी विद्या स्कूल ने मनाया स्वतंत्रता दिवस, आजादी की पुकार पर दी शानदार प्रस्तुति

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Ambala News : द एसडी विद्या स्कूल ने मनाया स्वतंत्रता दिवस, आजादी की पुकार पर दी शानदार प्रस्तुति
कार्यक्रम में अपनी प्रस्तुती देते बच्चे।

Ambala News | अंबाला। 13 अगस्त 2024 को कक्षा पाँचवीं के छात्रों ने  स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य  मैं अजादी की पुकारह् पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कई देशभक्तों के चरित्र और उनकी देशप्रेम की भावना को उजागर करने का प्रयास किया गया।उन्होंने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की विस्तारवादी नीतियों, प्रशासनिक नवाचारों और आर्थिक शोषण के कारण भारत के लोगों में पैदा हुए असंतोष को भी दशार्या। इसी असंतोष ने 1857 की क्रांति का बीज बोया था।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि राहुल आनंद शर्मा, अम्बाला कैंट बोर्ड के सी. ई.ओ,तथा उनकी पत्नी गीतांजलि शर्मा उपस्थित थे। अन्य अतिथियों में द एस डी स्कूल के प्रबंधक और प्राचार्य, एस डी कॉलेज, अंबाला छावनी के डॉ. राजेंद्र राणा,स्कूल की निर्देशक प्राचार्या नीलइन्द्रजीत कौर संधू पूर्व गणित विभागाध्यक्ष डॉ. नवीन गुलाटी, और विद्यालय की प्राइमरी विंग डायरेक्टर व कोआर्डिनेटर, टॉडलर विंग अनुरूप जौहल भी विशेष रूप से उपस्थित थे।

निर्देशक प्राचार्य  नीलइन्द्रजीत कौर संधू ने मुख्य अतिथि तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और समारोह की शुरूआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ की। एस डी वी आॅर्केस्ट्रा टीम की देशभक्ति की धुनों से शो की शुरूआत हुई। इसके बाद बच्चों ने हिंदी नाट्य ह्लअजादी की पुकारह्व के माध्यम से अनेक देशभक्तों के चरित्र और उनकी देशभक्ति की भावना को प्रदर्शित किया, जिससे सभी को भारत के स्वतंत्रता संग्राम के भूले-बिसरे नायकों के बलिदानों की याद दिलाई गई।

इस नाटक में 1857 का विद्रोह और भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की विस्तारवादी नीतियों, प्रशासनिक नवाचारों, और आर्थिक शोषण के परिणामस्वरूप भारतीय जनता के मन में उत्पन्न देशभक्ति की चिंगारी को दशार्या गया। इस चिंगारी ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ एक बारूद का काम किया और आजाद भारत का सपना साकार किया। मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई, नाना साहब, और सुभाष चंद्र बोस के जोश और उनकी ताकत, अंग्रेजों में उनके प्रति भय की लहर को विद्यार्थियों ने बहुत कुशलता से प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए।

विद्यार्थियों ने नृत्य के माध्यम से तात्या टोपे, नाना साहब और रानी लक्ष्मीबाई की मृत्यु का चित्रण किया। इसके साथ ही नृत्य नाटिका क्रांति आंदोलन और ह्आज का गुलाम युगह्व भी प्रस्तुत किया गया। इन वीरों की देशभक्ति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मिट्टी को मां कहते हैं गान ने वीरों के बलिदानों से दर्शकों का मन मोह लिया। ह्लआज का गुलाम युगह्व नामक हिंदी नृत्य में भ्रष्टाचार और अन्य सामाजिक बुराइयों को दशार्ते हुए विद्यार्थियों ने अपने शानदार प्रदर्शन से दर्शकों के रोंगटे खड़े कर दिए। इस नृत्य के माध्यम से बच्चों ने यह प्रण लिया कि हम एकजुट होकर भ्रष्टाचार, डकैती, मासूमों की हत्या जैसी गंदगियों से अपने देश को आजाद करेंगे।

प्राचार्या नीलइन्द्रजीत कौर संधू ने  सौरव अरोड़ा तथा मीनाक्षी अरोड़ा को ह्लसबसे सहायक अभिभावकह्व के पुरस्कार से सम्मानित किया। सभी अतिथियों ने छात्रों के प्रदर्शन की प्रशंसा की और कहा कि केवल युवा पीढ़ी ही भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के भूले-बिसरे नायकों को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते है।

कार्यक्रम का समापन स्कूल एंथम के गायन के साथ हुआ। विद्यालय की निर्देशक प्राचार्या नीलइन्द्रजीत कौर संधू ने मुख्य अतिथि को उनके कीमती समय और छात्रों की सराहना के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हमें शहीदों के बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए और मुख्य अतिथि को प्रतीकात्मक रूप में पौधे भेंट किए।स्कूल के अध्यक्ष बी. के. सोनी के मार्गदर्शन में, स्कूल छात्रों को न केवल भविष्य के वैश्विक नागरिक बल्कि जिम्मेदार और देशभक्त भारतीय बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

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