Ambala News | अंबाला। जेसीआई अम्बाला द्वारा सेंट्रल फोनिक्स क्लब अम्बाला छावनी में तीज का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाया गया।आज अम्बाला छावनी की दर्जनों महिलाओं ने मिलकर तीज पर्व मनाया। जिसमें भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना भी की गई तथा खुशियों के इस त्यौहार पर महिलाओं ने आपस में एक दूसरे को मिठाई भी खिलाई। अम्बाला छावनी विधानसभा क्षेत्र में जेसीआई महिला विंग के द्वारा आयोजित कार्यक्रम “शाही तीज महोत्सव” में हरियाणा कांग्रेस की नेता चित्रा सरवारा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।
इस प्रकार का आयोजन हमारी सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखता है। चित्रा ने जेसीआई परिवार को संबोधित करते हुए कहा कि चेयरपर्सन प्रियंका बहल, किटी गुप्ता,अष्मिता मित्तल,प्रत्युषि चावला, पूजा महेंद्रू, छवि जोशी,प्रेरणा जैन,पूनम सांगवान जी एवं उपस्थित सभी सम्मानित लोगों ने जो मान सम्मान दिया उसके लिए हम दिल से आप सभी का दिल की गहराइयों से सभी धन्यवाद करते है।
इस मौके पर पहुंची महिलाएं हाथों में नई चूड़ियां,मेहंदी और पैरों में अल्ता लगाकर पहुंची थी, क्योंकि तीज का त्यौहार सुहाग का चिन्ह मानी जाती है। इस मौके पर पहुंचे महिलायें काफी उत्साहित नजर आई।चित्रा ने बताया कि यह पर्व खुशियों का पर्व है। इस मौसम में सभी फसलें हरी-भरी एक खुशहाली का प्रतीक नजर आती हैं, वही आध्यात्मिक लोगों के लिए भी इस पर्व का विशेष महत्व है।
चित्रा ने कहा की इस पर्व को सुहागने, कुंवारी लड़कियां और पुरुष भी रखते हैं निर्जला व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखने वाली हरतालिका तीज खास तौर पर सुहागिनों और कुंवारी कन्याओं के लिए अति महत्वपूर्ण व्रत और पर्व माना जाता है। यह व्रत देवों के देव महादेव यानी भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है और इस दिन भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा हिंदू धर्म मुताबिक बेहद फलदाई रहती है।
बहुत महिलाएं तीज के मौके पर निर्जला व्रत रख हिंदू धर्म के सबसे बड़े देव भगवान शंकर की आराधना कर पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। सुहागिन महिलाएं भगवान शिव,माता पार्वती और उनके पूरे परिवार की मिट्टी की मूर्तियां बनाकर घर में मंदिर में स्थापित करती हैं तथा इस मौके पर माता का श्रृंगार किया जाता है। महिलाएं हाथों पर मेहंदी रचाती हैं और रात में माता गौरी की पूजा करती हैं।
सुहागिनों के साथ ही कुंवारी लड़कियां अच्छा वर पाने की भी कामना कर उपवास करती हैं।मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए तीज के त्योहार का महत्व श्रावण में होने व चारों तरफ हरियाली के कारण इसे हरियाली तीज कहा जाता है। माना जाता है कि इस दिन मां पार्वती ने शिव जी को कठोर तपस्या से प्राप्त किया था। इस दिन वृक्ष,नदियों,जल के देवता वरुण की भी उपासना की जाती है। मुख्य रूप से ये त्योहार अच्छे और मनचाहे वर की प्राप्ति का है। जिन कन्याओं के विवाह में समस्या हो,उनके लिए ये पूजा-उपासना विशेष होती है।
जिन महिलाओं का विवाह हो चुका हो, उनको भी इस दिन संयुक्त रूप से शिव पार्वती की उपासना करनी चाहिए। चित्रा ने कहा की महिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं। हरतालिका तीज का व्रत रखने वाली महिलाएं करवा चौथ की ही तरह शाम को चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं।
सुहागिन महिलाओं के द्वारा अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। वैसे तो साल में 3 बार हरियाली तीज, हरतालिका तीज और कजरी तीज त्योहार होते हैं,लेकिन श्रावण मास की तीज अपना अलग महत्व रखता है। ये तीनों व्रत पति की लंबी उम्र, संतान की उन्नति और परिवार की खुशहाली के लिए रखे जाते हैं।
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