Ambala News | अंबाला। पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2, अंबाला छावनी में हाल ही में राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा 2023 (एनसीएफ 2023) के अंतर्गत “सीखने के मानकों, सामग्री, शिक्षाशास्त्र और मूल्यांकन के प्रति दृष्टिकोण तथा समय आवंटन की प्रक्रिया” विषय पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला का उद्देश्य नई शिक्षा नीति के अनुरूप शिक्षा के आधुनिक दृष्टिकोण और शिक्षण के प्रभावी तरीकों पर चर्चा करना था। कार्यशाला में प्रथम वक्ता सत्यप्रकाश भारती ने बताया कि एनसीएफ 2023 के तहत “सीखने के मानकों” को एक मजबूत आधार के रूप में स्थापित किया गया है, जो छात्रों की शैक्षिक और कौशल संबंधी प्रगति में सुधार लाने के लिए आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि इन मानकों के माध्यम से शिक्षा में गुणवत्ता और छात्रों की समग्र योग्यता को बढ़ावा दिया जाएगा। “सामग्री” और “शिक्षाशास्त्र” के संबंध में वक्ता ने बताया कि एनसीएफ 2023 के अनुसार पाठ्यक्रम को छात्रों के अनुभवों से जोड़ने पर जोर दिया गया है। “मूल्यांकन” के प्रति दृष्टिकोण पर चर्चा करते हुए, सत्यप्रकाश भारती ने बताया कि एनसीएफ 2023 में पारंपरिक परीक्षा आधारित मूल्यांकन से आगे बढ़कर व्यापक और समग्र मूल्यांकन (होलिस्टिक असेसमेंट) को अपनाने पर जोर दिया गया है।
तत्पश्चात द्वितीय वक्ता डॉ रविन्द्र कुमार स्नातकोत्तर शिक्षक हिन्दी ने एनसीएफ 2023 में “समय आवंटन” के नए मानकों और उसकी महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि समय आवंटन का उद्देश्य छात्रों को संतुलित और समग्र शिक्षा प्रदान करना है, जिससे उनके शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास को बढ़ावा मिल सके।
नई रूपरेखा में प्रत्येक विषय के लिए समय को इस प्रकार से विभाजित करने की सिफारिश की गई है कि वह छात्रों की सीखने की आवश्यकताओं के अनुरूप हो। कार्यक्रम के समापन पर विद्यालय की प्रभारी प्राचार्या ऋचा जैन ने कार्यक्रम के अंत में अपने संबोधन में कहा कि इस कार्यशाला से सभी उपस्थित लोगों को एनसीएफ 2023 की विशेषताओं और इसकी प्रभावी कार्यान्वयन रणनीतियों को समझने का अवसर मिला।
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