Ambala News : तिब्बती महिला संघ और भारत तिब्बत समन्वय संघ का विशेष आयोजन

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Ambala News : तिब्बती महिला संघ और भारत तिब्बत समन्वय संघ का विशेष आयोजन
कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य।

Ambala News | अंबाला। धर्मशाला से चंडीगढ़ होते हुए तिब्बती महिला संघ की सात सदस्यीय प्रतिनिधि मंडली संतोष भवन, अंबाला शहर पहुँची। इस महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन भारत तिब्बत समन्वय संघ (बीटीएसएस) के उत्तर क्षेत्र संरक्षक डॉ. देवेंद्र प्रताप असीजा की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम का संचालन  गौरी वंदना ने कुशलतापूर्वक किया।

कार्यक्रम की शुरूआत में तिब्बती महिला संघ की अध्यक्ष छिरिंग डोलमा और उनकी टीम का माल्यार्पण कर भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद तिब्बती बच्चों और पर्यावरण की मौजूदा चिंताजनक स्थिति पर विशेष चर्चा की गई।

तिब्बती महिला संघ की अध्यक्ष छिरिंग डोलमा ने अपने वक्तव्य में चीन की दमनकारी नीतियों की कड़ी निंदा की। उन्होंने बताया कि तिब्बती बच्चों को जबरन कॉलोनियल बोर्डिंग स्कूलों में भेजा जा रहा है, जहाँ उन्हें उनकी संस्कृति और भाषा से वंचित कर दिया जाता है।

यह न केवल बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि तिब्बत की सांस्कृतिक धरोहर के लिए भी एक बड़ा खतरा है। डॉ. देवेंद्र प्रताप असीजा ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में तिब्बत की समस्याओं को वैश्विक स्तर पर उठाने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा, “तिब्बत और भारत दोनों शांतिप्रिय देश हैं। तिब्बत की स्वतंत्रता भारत की सुरक्षा से सीधा जुड़ी हुई है। चीन की दमनकारी नीतियां न केवल तिब्बत की संस्कृति और धरोहर को खत्म कर रही हैं, बल्कि पर्यावरण और बच्चों के अधिकारों पर भी गंभीर संकट खड़ा कर रही हैं।

डॉ. असीजा ने तिब्बत के बच्चों पर हो रहे अत्याचारों को मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया ।डॉ. देवेंद्र प्रताप असीजा ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में विश्वास दिलाया कि भारत तिब्बत समन्वय संघ तिब्बत की इस लड़ाई में हर संभव सहायता प्रदान करेगा।

कार्यक्रम की मंच संचालक गौरी वंदना ने भारत तिब्बत समन्वय संघ का परिचय देते हुए आर्य समाज के नवम नियम को उद्धृत किया, जिसमें कहा गया है कि अपनी उन्नति से संतुष्ट न रहकर सबकी उन्नति में ही अपनी उन्नति समझनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि तिब्बत की स्वतंत्रता भारत की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है। डॉ प्रदीप स्नेही जी ने कहा कि कैलाश मानसरोवर की मुक्ति एवं चीनी वस्तुओं का बहिष्कार कर स्वदेशी का प्रचार व प्रसार बीटीएसएस का मुख्य उद्देश्य है।

योगी दिनेश जिंदल ने चीन की विदेश नीतियों की कड़ी आलोचना की और तिब्बती स्वतंत्रता के समर्थन में भारत को अपनी भूमिका निभाने पर जोर दिया। डॉ सुषमन शर्मा ने भी उनके विचार का समर्थन किया।

तिब्बती महिला संघ की सदस्य केलसांग डोलमा (उपाध्यक्ष), चोएनन डोलमा (संयुक्त सचिव), नवांग चोनजोम (जनसंपर्क अधिकारी), तमदिन डोलमा (संस्कृति एवं धार्मिक अधिकारी), तेनजिन यिंगसेल (परियोजना अधिकारी), और छिरिंग भुट्टी (शोध एवं मीडिया अधिकारी) ने तिब्बत के पर्यावरण और सांस्कृतिक धरोहर पर पड़ रहे खतरों पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम में ए.पी मेहता (रिटायर्ड चीफ इंजीनियर), डॉक्टर सौरव गुप्ता (भारतीय विकास परिषद के प्रधान), राजेश बंसल, एडवोकेट नम्रता गौढ़ जैसे प्रतिष्ठित अतिथियों ने इस कार्यक्रम में आमंत्रण के लिए आभार व्यक्त किया ।

अशोक सोलंकी चंडोक ने कार्यक्रम की सफलता में अहम् भूमिका निभाई| सभी ने तिब्बत की स्वतंत्रता के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया और चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का संकल्प लिया।आदित्य, अंजली व चारू असीजा ने जलपान की व्यवस्था कर अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

यह कार्यक्रम तिब्बत की स्वतंत्रता और तिब्बती बच्चों के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। तिब्बती महिला संघ और भारत तिब्बत समन्वय संघ के प्रयासों से इस समस्या को लेकर व्यापक जनजागरण की आशा है।

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